शिक्षकों और स्कूलों की रैंकिंग के लिए ACS एस सिद्धार्थ ने जारी किया नया फरमान, अभी अभी निदेशक ने जारी किया पत्र
शिक्षकों और स्कूलों की रैंकिंग के लिए ACS एस सिद्धार्थ ने जारी किया नया फरमान, अभी अभी निदेशक ने जारी किया पत्र
बिहार सरकार ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब सरकारी स्कूलों की साल में दो बार रैंकिंग की जाएगी, जो नवंबर और मार्च महीने में होगी।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, स्कूलों की रैंकिंग विभिन्न मानकों पर आधारित होगी, जिनमें शिक्षण और अधिगम, संसाधनों का उपयोग, स्वच्छता, शिकायत निवारण, और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियाँ शामिल हैं। इन मानकों के आधार पर स्कूलों को 100 अंकों का मूल्यांकन मिलेगा।
यह रैंकिंग सभी शिक्षकों के लिए अनिवार्य होगी और उनके वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (APAR) में भी शामिल की जाएगी। प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों तक के लिए अलग-अलग रैंकिंग फॉर्म तैयार किए गए हैं, जिन्हें स्कूल प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के बीच वितरित करने का निर्देश दिया गया है।
शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे शिक्षकों को इस नई व्यवस्था के महत्व से अवगत कराएं और स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करें। विभाग को उम्मीद है कि यह कदम सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और छात्रों के समग्र विकास में मददगार साबित होगा।