प्रारंभिक स्कूलों में चलेगा 100 दिन का क्रैश कोर्स, क्लास टीचर को मिली जिम्मेदारी; टेस्ट भी होंगे
प्रारंभिक स्कूलों में चलेगा 100 दिन का क्रैश कोर्स, क्लास टीचर को मिली जिम्मेदारी; टेस्ट भी होंगे
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चों को कक्षा में ज्यादा से ज्यादा अंक मिले, इसको लेकर शिक्षा विभाग ने नई योजना बनाई हैं। स्कूलों में वार्षिक परीक्षा से पूर्व बच्चों के सिलेबस हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
साथ ही जिन बच्चों की पढ़ाई अधूरी रह गई है या जिनकी उपस्थिति नहीं होने के कारण पाठ पूरा नहीं हो पाया है ऐसे बच्चों के लिए स्कूलों में 100 दिन का क्रैश कोर्स (शार्ट टर्म सिलेबस) चलाया जाएगा।
बच्चों को परीक्षा के लिए जरूरी सभी अध्यायों से पढ़ाई कराई जाएगी ताकि परीक्षा में उन्हें अधिक से अधिक अंक मिल सके। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है। साथ ही स्कूलों में इसकी व्यवस्था करने में जुट जाने को कहा है।
कम उपस्थिति वाले कमजोर बच्चों को मिलेगा विशेष लाभ
शिक्षा विभाग का मानना है कि जिन बच्चों ने कक्षा में पढ़ाई के दौरान ध्यान नहीं दिया था या फिर जिन बच्चों ने कम उपस्थिति के कारण अध्याय की पढ़ाई पूरी नहीं कि उन्हें इसका फायदा मिलेगा।
शिक्षा विभाग के एसीएस की ओर से जारी इस निर्देश के अनुसार 100 दिन के क्रैश कोर्स के तहत पहली घंटी में प्रारंभिक स्कूलों में गणित व आधारभूत गणित की पढ़ाई कराई जाएगी।
इसके बाद दूसरी घंटी में रीडिंग क्लास चलेगी। रीडिंग क्लास में बच्चों को धाराप्रवाह हिंदी विषय का उच्चारण समेत पाठ कराया जाएगा, ताकि उनके पढ़ने की गति बढ़ाई जा सके।
योजना के अनुसार स्कूलों में नामांकित सभी बच्चों को इस क्रैश कोर्स में शामिल होना होगा। इसे स्कूल के प्रधानाध्यापकों को सुनिश्चित कराने की जिम्मेवारी दी गई है।
बच्चों ने कितना सीखा और कितनी सुधार की गुंजाइश
प्रारंभिक स्कूलों में इन दोनों घंटियों में गणित पढ़ाने और निश्चित रूप से रीडिंग क्लास संचालन कराने की जिम्मेवारी कक्षा के वर्ग शिक्षक को दी गई है।
क्रैश कोर्स की पढ़ाई कराने के साथ-साथ हर सोमवार को बच्चों का टेस्ट भी लिया जाएगा।
बच्चों के लिए टेस्ट पेपर उनके वर्ग शिक्षक तैयार करेंगे। टेस्ट में देखा जाएगा कि एक सप्ताह में बच्चों ने कितना सीखा और उनमें कितनी सुधार की और गुंजाइश है।
इसके अनुसार एक बार फिर से प्रधानाध्यापक स्तर से इसकी समीक्षा कराई जाएगी। साथ ही अगर इस शेड्यूल में किसी बदलाव की जरूरत होगी तो प्रधानाध्यापक अपने स्तर से इसमें सुधार कराएंगे।
इसके अलावा सोमवार को टेस्ट लेने के बाद सभी छात्रों को होमवर्क भी दिया जाएगा। होमवर्क को हर हाल में पूरा कराना और इसकी जांच वर्ग शिक्षक की जिम्मेदारी होगी।
मानवेंद्र कुमार राय जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान शिक्षा विभाग समस्तीपुर ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बच्चों के शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए विभाग ने यह योजना बनाई है। इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। इससे बच्चों की शैक्षणिक क्षमता में सुधार आएगा।