बच्चो के कटे हुए नाख़ून, संवरे बाल, चकाचक पोशाक पर शिक्षकों व स्कूलों को मिलेगा ग्रेडिंग अंक, ये रहेगा सिस्टम
बच्चो के कटे हुए नाख़ून, संवरे बाल, चकाचक पोशाक पर शिक्षकों व स्कूलों को मिलेगा ग्रेडिंग अंक, ये रहेगा सिस्टम
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस.सिद्धार्थ ने सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब सभी सरकारी स्कूलों की साल में दो बार रैंकिंग की जाएगी, जो नवंबर और मार्च महीने में होगी।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने इस संबंध में आज 18 सितंबर को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी किया है.
शिक्षा विभाग के एसीएस ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखा है. जिसमें पूरी जानकारी दी गई है. स्कूलों की रैंकिंग विभिन्न मानकों पर आधारित होगी, जिनमें शिक्षण और अधिगम, संसाधनों का उपयोग, स्वच्छता, शिकायत निवारण, और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियाँ शामिल हैं। इन मानकों के आधार पर स्कूलों को 100 अंकों का मूल्यांकन मिलेगा. शिक्षण और अधिगम कार्य पर 60 अंक निर्धारित किए गए हैं. वहीं, साफ-सफाई और स्वच्छता पर 15 अंक निर्धारित किए गए हैं. साफ सफाई और स्वच्छता में देखना होगा कि बच्चे अच्छी तरह से तैयार होकर विद्यालय आ रहे हैं या नहीं. कटे हुए नाखून, संवरे हुए बाल एवं साफ स्वच्छ पोशाक युक्त छात्रों पर पांच अंक दिए जाएंगे. कक्षा की सफाई पर 2.5 अंक, रसोई घर की सफाई पर 2.5 .विद्यालय परिसर की साफ सफाई पर 2.5 और शौचालय की साफ-सफाई पर 2.5 अंक निर्धारित किए गए हैं.
85-100 अंक लाने वाले विद्यालयों को मिलेंगे 5 स्टार
शिक्षा विभाग के पत्र में स्पष्ट किया गया है कि संसाधन उपयोग पर 12 अंक हैं. सह शैक्षणिक गतिविधियों पर 10 अंक, शिकायत निवारण पर तीन अंक दिए गए हैं. कुल 100 अंकों के आधार पर रैंकिंग निर्धारित होगी. अगर हम ग्रेडिंग की बात करें तो जिस स्कूल का स्कोर 85 से 100 होगा उसे फाइव स्टार दिया जाएगा ,ए प्लस की श्रेणी में रखा जाएगा . 75 से 84 अंक लाने वाले स्कूलों को ए कैटेगरी, 50 से 74 अंक लाने वालों को बी श्रेणी, 25 से 49 अंक लाने वाले को सी और 0-24 अंक लाने वाले को डी श्रेणी में रखा जाएगा.
यह रैंकिंग सभी शिक्षकों के लिए अनिवार्य होगी और उनके वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (APAR) में भी शामिल की जाएगी। प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों तक के लिए अलग-अलग रैंकिंग फॉर्म तैयार किए गए हैं, जिन्हें स्कूल प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के बीच वितरित करने का निर्देश दिया गया है। शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे शिक्षकों को इस नई व्यवस्था के महत्व से अवगत कराएं और स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करें। विभाग को उम्मीद है कि यह कदम सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और छात्रों के समग्र विकास में मददगार साबित होगा।