बिहार के 4621 स्कूलों में होने जा रहा है ये काम, छात्रों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा, जानिए क्या है शिक्षा विभाग का प्लान

बिहार के 4621 स्कूलों में होने जा रहा है ये काम, छात्रों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा, जानिए क्या है शिक्षा विभाग का प्लान
बिहार के 4621 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में एकीकृत विज्ञान और गणित प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। जिससे लाखों छात्र-छात्राओं को विज्ञान और गणित को व्यावहारिक रूप से सीखने का अवसर मिलेगा।
इन प्रयोगशालाओं में छात्र प्रयोग के माध्यम से विषयों को समझने और नवाचार करने में सक्षम होंगे।
इन प्रयोगशालाओं की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि एक ही स्थान पर विज्ञान, गणित और स्टेम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) से जुड़े उपकरण उपलब्ध होंगे। पहले की लैब्स में ऐसी सुविधाएं नहीं थीं, लेकिन अब विद्यार्थियों को 50 से अधिक तरह के उपकरणों का उपयोग करने का मौका मिलेगा।
विज्ञान के 46 उपकरण
गणित के 29 उपकरण
स्टेम विषयों के 8 उपकरण
अन्य आधुनिक संसाधन
जिला वार स्कूलों का चयन
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने प्रत्येक जिले से चयनित स्कूलों की सूची जारी कर दी है। जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) और डीपीओ (EE-SSA) को सूची उपलब्ध करा दी गई है, ताकि संबंधित विद्यालयों में जल्द से जल्द लैब स्थापित कराई जा सके।
लैब निर्माण के लिए तीन एजेंसियों – रेलटेल, टीसीआईएल और यूनिकॉप्स का चयन किया गया है। हर एजेंसी को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। टीसीआईएल को सबसे अधिक जिलों में लैब बनाने का कार्य सौंपा गया है।
इस योजना के तहत सबसे अधिक स्कूल पूर्वी चंपारण और पटना जिले से चुने गए हैं। पूर्वी चंपारण में 217 स्कूलों में प्रयोगशाला बनेगी। पटना जिले में 212 स्कूलों में स्थापना होगी।
इससे छात्रों को कई फायदे होंगे। उनके व्यावहारिक ज्ञान में बढ़ोतरी होगी। विद्यार्थी नवाचार कर सकेंगे। अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग कर सीख सकेंगे। समस्या समाधान कौशल विकसित होगा। रचनात्मकता और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा मिलेगा
एकीकृत विज्ञान और गणित प्रयोगशाला (ISM) एक आधुनिक शैक्षिक सुविधा है, जो विज्ञान और गणित के सिद्धांतों को एक ही स्थान पर एकीकृत करती है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना और विषयों की गहरी समझ विकसित करना है। इन प्रयोगशालाओं में सभी जरूरी उपकरण उपलब्ध होंगे, जिससे छात्र नवाचारी गतिविधियों में हिस्सा ले सकेंगे और अपनी वैज्ञानिक सोच को विकसित कर सकेंगे। इस पहल से राज्य के विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ने में मदद मिलेगी और उनके शैक्षिक विकास को नया आयाम मिलेगा।