बिहार में स्कूलों के निरीक्षण को लेकर जारी हो गया बड़ा वाला फरमान, बदल गया स्कूलों के निरिक्षण करने का तरीका, पढ़ लें ACS एस सिद्धार्थ का ये आदेश - News TV Bihar

बिहार में स्कूलों के निरीक्षण को लेकर जारी हो गया बड़ा वाला फरमान, बदल गया स्कूलों के निरिक्षण करने का तरीका, पढ़ लें ACS एस सिद्धार्थ का ये आदेश

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बिहार में स्कूलों के निरीक्षण को लेकर जारी हो गया बड़ा वाला फरमान, बदल गया स्कूलों के निरिक्षण करने का तरीका, पढ़ लें ACS एस सिद्धार्थ का ये आदेश

 

बिहार में अब स्कूलों का निरीक्षण अल्प अवधि संविदा पर नियोजित या आउटसोर्स के माध्यम से नियोजित कर्मी नहीं कर सकेंगे, बल्कि यह कार्य अब सिर्फ विभाग के नियमित अधिकारी ही कर सकेंगे.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने गुरुवार (20 फरवरी) को इससे संबंधित एक आदेश सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजा है. अपने आदेश में अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि अब अल्प अवधि संविदा पर नियोजित या आउटसोर्स के माध्यम से नियोजित किसी भी कर्मी के माध्यम से विद्यालयों का निरीक्षण नहीं किया जाएगा.

अब सिर्फ शिक्षा विभाग एवं बीईपी के नियमित पदाधिकारी ही विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे. इनमें जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक (बीईपी) और सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी शामिल हैं.

अपर मुख्य सचिव करेंगे स्कूलों का चयन

जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए आदेश में यह भी कहा गया है कि जिन विद्यालयों का निरीक्षण किया जाना है उनका चयन प्रत्येक निरीक्षण के लिए निर्धारित दिन अपर मुख्य सचिव के द्वारा किया जाएगा. इन विद्यालयों की सूचना एक दिन पहले रात में नौ बजे मोबाइल पर अपर मुख्य सचिव कार्यालय के माध्यम से भेजी जाएगी.

बताया गया है कि सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विद्यार्थियों को उचित शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए विद्यालय निरीक्षण के लिए आदेश दिया गया था लेकिन जांच में पाया गया कि निरीक्षण के बाद भेजे गए कई डाटा फर्जी हैं. यही नहीं, जब स्थानीय जांच की गई तो निरीक्षण प्रतिवेदन और स्थलीय स्थिति में बहुत भिन्नता थी.

हर महीने कम से कम 25 स्कूलों का होगा औचक निरीक्षण

उल्लेखनीय है कि सभी पदाधिकारियों को प्रत्येक माह कम से कम 25 विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया जाना है. पत्र में यह चेतावनी भी दी गई है कि निरीक्षण प्रतिवेदन फर्जी या भ्रामक पाए जाने पर संबंधित पदाधिकारियों पर आवश्यक अनुशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी.

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