इतनी श्ख्ती के बावजूद शिक्षक विधालय से नदारद , बच्चो की उपस्थिति भी चिंताजनक

बिहार :—के के पाठक के मुहिम को ठेंगा दिखा रहे है शिक्षक :-के के पाठक के इतनी शख्ती के बाद भी कई विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति हैं नदारद , बच्चों की उपस्थिति भी चिन्ताजनक ,
शिक्षा विभाग के लाख प्रयास के बावजूद बिहार के कई जिलों में कई ऐसे विद्यालय मौजूद है जहां के के पाठक के मुहिम को ठेंगा दिखाने जैसी हालत है
बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है , के के पाठक दिन रात लगातार बिना रुके बिना थके शिक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने में लगे हुए हैं ।
पाठक के तमाम प्रयासों के बाद भी बिहार के सरकारी स्कूलों में तमाम सरकारी दावों के बावजूद छात्रों की उपस्थिति संतोषजनक नहीं दिख रही है. मौजूदा समय में बिहार में हर बच्चे को स्कूल तक लाना और उसे शिक्षा मुहैया कराना बहुत मुश्किल दिख रहा है.
शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक की कड़ाई के बाद भी भी सरकारी स्कूलों के हालात नहीं बदल रहे हैं. सरकारी विद्यालयों का हाल बदहाल है. स्कूल में शिक्षकों के मोबाइल चलाने पर मनाही है, लेकिन शिक्षक मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. स्कूल में पांच शिक्षक प्रतिनियुक्त हैं, लेकिन चार शिक्षक नादारद हैं. बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर है. ये हाल है बेतिया के सरकारी स्कूल का.
स्कूल से शिक्षक नदारदः
शिक्षा विभाग की इतनी शख्ती के बावजूद भी शिक्षक विद्यालय से अनुपस्थित रहते है । जिससे शिक्षा का उद्देश्य नगण्य नजर आता है ।
नौतन प्रखंड के भगवानपुर पंचायत का राजकीय प्राथमिक विद्यालय छरकी है. जिसे अपना भवन भी नहीं है. इसमें वर्ग एक से वर्ग पांच तक की पढ़ाई होती है. स्कूल में पांच शिक्षक हैं. शुक्रवार को मात्र एक शिक्षक गगनदेव राम स्कूल आये थे. वो भी क्लासरूम में बैठकर मोबाइल पर कुछ देख रहे थे और बच्चे फर्श पर बैठकर शोर मचा रहे थे.
छात्रों की उपस्थिति थी कमः
विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति नही रहने और क्लास में पढ़ाई नही होने की वजह से भी विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति कम होती हैं ।
शिक्षक गगनदेव राम ने पूछने पर बताया कि एक शिक्षक छुट्टी पर हैं वहीं तीन शिक्षक किसी काम से गए हुए हैं. जब शिक्षक से बात की गई कि स्कूल में छात्र कितने हैं तो उन्होंने बताया कि 110 है. लेकिन, वहां मौजूद छात्रों को देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि यहां 110 बच्चे उपस्थित हैं. इस पर गगनदेव राम ने कहा बच्चे बाहर गए हैं.
केके पाठक की मुहिम को ठेंगाः
बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक इन दिनों मुहिम चला रहे हैं कि स्कूल की व्यवस्था में सुधार हो. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दे रखा कि बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करायी जाए. जो बच्चे स्कूल नहीं आते हैं उनका नाम काट दिया जाए. इसके अलावा शिक्षकों को भी समय पर स्कूल आने का निर्देश दे रखा है. इस व्यवस्था को सुनिश्चित कराने के लिए वो अक्सर विद्यालयों का निरीक्षण भी कर रहे हैं.