देवी और कुमारी के चक्कर में फस गई 10 से अधिक नियोजित शिक्षिका की नोकरी, लग गया फर्जी शिक्षक का तमगा
देवी और कुमारी के चक्कर में फस गई 10 से अधिक नियोजित शिक्षिका की नोकरी, लग गया फर्जी शिक्षक का तमगा
सक्षमता परीक्षा ने राज्यभर के 362 शिक्षकों पर संभावित तरीके से फर्जी होने का तमगा लगा दिया है। इन शिक्षकों को शिक्षा विभाग द्वारा एक बार फिर से अंतिम मौका देते हुए अपने कागजात के साथ पटना में जांच के लिए बुलाया है।
इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव द्वारा पत्र जारी किया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र के मुताबिक इनमें जिले के भी 10 शिक्षक शामिल हैं। इससे पहले उनकी संख्या 32 थी। 10 शिक्षकों में दो ऐसे शिक्षक हैं, जिनके अजब-गजब कारनामे हैं। एक का सत्यापन इसलिए रुका हुआ है कि उनके योगदान पत्र सहित आधार कार्ड और अन्य कागजातों में देवी टाइटल है, जबकि मूल प्रमाण पत्र पर कुमारी अंकित है।
इसके लिए उन्होंने शपथ पत्र भी प्रेषित किया हुआ है। इसके अलावा एक अन्य शिक्षिका, जिन्होंने यहां तक फर्जीवाड़ा किया है कि उन्होंने अपने पिता के नाम में और जन्मतिथि में हैंड रिटेन करेक्शन कर दिया है, जिसके कारण विभाग को उनके कई कागजात पर आपत्ति है। उनके अलावा अन्य आठ शिक्षक जिन्हें सभी कागजात के साथ पटना बुलाया गया था, लेकिन वह पटना में शामिल नहीं हुए।
जारी पत्र के मुताबिक सभी 10 शिक्षकों को 10 में से 17 में तक अपने क्रमांक के हिसाब से पटना के विभागीय सभागार में उपस्थित होकर अपने सारे कागजातों का सत्यापन करना पड़ेगा। यह इनके लिए अंतिम मौका है। अगर इस बार वह जांच में अनुपस्थित रहते हैं तो उनके द्वारा विभाग विधि संबत कार्रवाई कर उन्हें बर्खास्त करेगा।
सभी दस शिक्षकों की सूची एनआईसी पोर्टल पर होगी जारी
जिले में संभावित 10 फर्जी नियोजित शिक्षकों की सूची को राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसको लेकर जिला शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी केंद्र भागलपुर के निदेशक को भी पत्र भेजा गया है।
इसके अलावा सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को यह निर्देश दिया गया है कि सभी शिक्षकों को पत्र तामिल करवाया जाए और इसका प्रतिवेदन कार्यालय में जमा कराया जाए। जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा ने बताया कि इनमें शामिल सभी शिक्षकों का वेतन पहले से ही रोक दिया गया है। साथ ही उन्हें साक्षमता परीक्षा का भी फार्म भरने नहीं दिया गया है।
केस स्टडी- एक
एनपीएस बोरबा मुसहरी में कार्यरत शिक्षिका गायत्री देवी के आधार कार्ड, डीएलएड सर्टिफिकेट, योगदान पत्र पर देवी नाम अंकित है, जबकि उनके सभी मूल प्रमाण पत्र पर शपथ पत्र के साथ कुमारी अंकित है। इसके कारण शिक्षा विभाग ने उन्हें फर्जी शिक्षक की सूची में डाला है।
केस स्टडी- दो
नवगछिया के मध्य विद्यालय मकंदपुर में कार्यरत शिक्षिका रीता शर्मा द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाण पत्र में उनके पास 12वीं का मूल प्रमाण पत्र नहीं है, जबकि उनके बीटीईट का सर्टिफिकेट नंबर हाथ से लिखा हुआ है। दसवीं के सर्टिफिकेट में पिता के नाम में कलेक्शन साथ ही साथ वह नाम हाथ से लिखा हुआ है।
केस स्टडी- तीन
रंजना कुमारी जो जगदीशपुर के प्राथमिक विद्यालय कला नारायणपुर में कार्यरत हैं साथ ही रंजू कुमारी जो नवगछिया के न्यू पीएस आश्रम टोला में कार्यरत हैं बुलाए जाने के बाद भी दोनों पटना में अपने सभी कागजातों के साथ उपस्थित नहीं हुईं।
शिक्षा विभाग को इन 10 शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फर्जी होने की है आशंका
1. गायत्री देवी 2. बेबी एकता 3. रीता शर्मा 4. विनीता कुमारी 5. जुली कुमारी 6. एमडी सरफराज 7. पूजा कुमारी 8. रंजना कुमारी 9. तरन्नुम जहां 10. रंजू कुमारी
सभी शिक्षकों को एक बार फिर से पटना में शामिल होने के लिए कहा गया है। यह उन्हें अंतिम मौका दिया जा रहा है। इसके बाद शिक्षा विभाग सभी शिक्षकों को फर्जी घोषित करते हुए उन पर कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा। साथ ही उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा।