राज्यस्तरीय बैठक में एक्शन में दिखे के के पाठक , शौचालय में टाइल्स नही लगाने वाले हेडमास्टर साहेब पर करवाई का आदेश  - News TV Bihar

राज्यस्तरीय बैठक में एक्शन में दिखे के के पाठक , शौचालय में टाइल्स नही लगाने वाले हेडमास्टर साहेब पर करवाई का आदेश 

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राज्यस्तरीय बैठक में एक्शन में दिखे के के पाठक , शौचालय में टाइल्स नही लगाने वाले हेडमास्टर साहेब पर करवाई का आदेश 

 

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर डीपीओ समग्र शिक्षा रंजीत पासवान ने विभिन्न प्रखंडों के अलग-अलग विद्यालयों की जांच की. जांच के क्रम में विभिन्न प्रकार की गड़बड़ी मिलने के बाद डीपीओ ने सभी हेडमास्टरों को सख्त हिदायत दी है.

उन्होंने एक सप्ताह में सभी कमियों को दूर कराने का अल्टीमेटम भी दिया है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर एक सप्ताह में सभी कमियों को दूर नहीं किया जाता तो राशि गबन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर विभाग को प्रतिवेदित कर दिया जाएगा. इनमें बैकुंठपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय सेरहापुर सिरसा, विजयीपुर प्रखंड के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय छितौना टोला, फुलवरिया प्रखंड के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय सवनहीपट्टी सहित कई विद्यालय शामिल हैं.

प्रधानाध्यापक को डीपीओ ने दी सख्त हिदायत

डीपीओ ने सभी हेडमास्टरों को निर्देश देते हुए कहा कि विद्यालय में पाई गई कमियों को दूर करते हुए पूर्व के फोटो एवं सुधार कार्य कराए जाने के बाद के फोटो सहित सभी प्रतिवेदन जिला कार्यालय को मुहैया कराए. सुधार नहीं होने पर सभी जवाबदेही संबंधित हेडमास्टर की होगी. ऐसे में शिक्षा विभाग लापरवाह हेडमास्टरों पर कार्रवाई करने के लिए विवश हो जाएगा. उन्होंने कनीय अभियंता को भी निर्देश दिया कि वे अपने प्रखंड के सभी विद्यालयों का निरीक्षण करते हुए शत प्रतिशत अनुपालन कराए और प्रतिवेदन मुहैया कराए. डीपीओ के सख्त आदेश से गड़बड़ी करने वाले हेडमास्टरों में हड़कंप मची हुई है.

जांच में मिली कई गड़बड़ियां

इन विद्यालयों के जांच के क्रम में पाया गया कि विद्यालय का नामकरण प्लास्टिक पेंट से नहीं कराया गया है. ब्लैक बोर्ड का कालीकरण राज्य कार्यालय के निर्देश एवं मापदंड के अनुसार नहीं कराया गया है. वाल पेंटिंग सही ढंग से नहीं कराया गया है. साथ ही शौचालय में टाइल्स नहीं लगाया गया है. इन सभी कमियों को देखने के बाद डीपीओ ने विद्यालय के हेडमास्टर को सख्त हिदायत दी है. उन्होंने कहा है कि प्रत्येक वर्ष विद्यालय में समग्र विद्यालय अनुदान की राशि का उपयोग किया जाता है फिर भी विद्यालय अच्छी स्थिति में नहीं है. जो काफी ही खेद का विषय है.

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