सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले प्राथमिक स्कूलों में नियुक्त बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को  सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत अब नहीं जाएगी बीएड  डिग्रीधारी अभ्यर्थियों की नौकरी - News TV Bihar

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले प्राथमिक स्कूलों में नियुक्त बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को  सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत अब नहीं जाएगी बीएड  डिग्रीधारी अभ्यर्थियों की नौकरी

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Supreme court of India building in New Delhi, India.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले प्राथमिक स्कूलों में नियुक्त बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को  सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत अब नहीं जाएगी बीएड  डिग्रीधारी अभ्यर्थियों की नौकरी

सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक पद पर भारती के लिए B.Ed डिग्री धारकों को आयोग करने के 11 अगस्त 2023 के फैसले को स्पष्ट करते हुए कहा है फैसले से पहले हुई भर्तियों पर इसका असर नहीं होगा यानी जिन B.Ed डिग्री धारक प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति फैसला आने के पहले हो चुकी थी और उनकी भारतीयों के विज्ञापन में B.ed को भी योग्यता में शामिल माना गया था उन लोगों की नौकरी जाट बनी रहेगी लेकिन इसके साथ यह भी एक शर्त है कि किसी अदालत से उनकी योग्यता के बारे में कोई आदेश नहीं होना चाहिए सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश पूरे देश के लिए है सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को देवेश शर्मा मामले में दिए फैसले में कहा था कि प्राथमिक शिक्षक पद पर भारती के लिए B.Ed डिग्री धार की योग्य नहीं है कोर्ट ने माना था कि वह बीटीसी और डीएलएड की इसके योग्य हैं

जस्टिस अनिरुद्ध बस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ में सोमवार को मध्य प्रदेश सरकार की फैसले को स्पष्टीकरण मांगने वाली है अभी करनी पड़ा करते हुए आदेश दिया कोर्ट ने आदेश में कहा कि बेड उम्मीदवारों का दावा है की भर्ती प्राधिकरण द्वारा B.Ed की योग्यता मानक में शामिल किया गया था और तभी उन्हें नौकरी मिली है  ।

अगर ऐसा है तो वह उनके पक्ष में जाता है और उनकी नौकरी बनी रहेगी सुप्रीम कोर्ट में B.ed धारकों को प्राथमिक शिक्षक पद पर नियुक्ति की आयुक्त करने वाले राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को सही कराया था सुप्रीम कोर्ट के फैसले का आदेश भी आप ही असर हुआ है ।

और बीएड डिग्री धारक प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी पर संकट आ गया है मध्य प्रदेश और बहुत से प्रभावित लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्चिता खेल कर सुप्रीम कोर्ट से आदेश में संशोधन करने की गुहार लगाई थी उत्तर प्रदेश के शिक्षकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह के अनुसार अकेले उत्तर प्रदेश में B.Ed डिग्री धारक प्राथमिक शिक्षक की संख्या 34000 है ।

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संगठन ने की अर्जी दाखिल का शिक्षामित्र मित्र को नियमित किए जाने की मांग की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शिक्षामित्र की याचिका पर विचार नहीं किया वकील द्वारा बार-बार मामला उठाए जाने के बावजूद बीच उसे पर विचार किए बगैर उठ गई

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