प्रधानमंत्री आवास योजना में रिश्वतखोरी का खुला खेल, वायरल ऑडियो से उजागर हुआ आवास सहायक का घोटाला
प्रधानमंत्री आवास योजना में रिश्वतखोरी का खुला खेल, वायरल ऑडियो से उजागर हुआ आवास सहायक का घोटाला
तिहारी में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के नाम पर रिश्वतखोरी का काला धंधा लगातार उजागर हो रहा है। सरकारी योजना के नाम पर पात्र लाभार्थियों से अवैध वसूली की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
बीते दिनों अमर उजाला में प्रकाशित खबर के बाद चार आवास सहायकों पर विभागीय कार्रवाई की गई थी। लेकिन अब एक और नया मामला सामने आया है, जिसने पूरे सिस्टम पर फिर सवाल खड़ा कर दिया है।
इस बार मामला चिरैया प्रखंड के सिरौना पंचायत से जुड़ा है। जहां आवास सहायक धर्मेंद्र कुमार और एक वार्ड सदस्य के बीच रिश्वत से जुड़ी बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वायरल ऑडियो ने न सिर्फ आवास सहायक की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि योजना के लाभार्थियों को बिना पैसे दिए सूची में नाम जोड़ना मुश्किल है।
वायरल ऑडियो में चौंकाने वाला खुलासा
वायरल ऑडियो में आवास सहायक धर्मेंद्र कुमार यह कहते सुने जा रहे हैं कि उन्होंने 110 लोगों का नाम जोड़ा है। लेकिन अब तक सिर्फ 40 से 50 हजार रुपये ही मिले हैं। बातचीत में वह यह भी स्वीकार करते हैं कि इसी राशि से उन्होंने दो मोबाइल फोन खरीदे हैं और ऑफिस का खर्च निकाला है। अब वह बचे हुए पैसे की मांग कर रहे हैं। यह बातचीत सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पूरे प्रखंड में चर्चा का विषय बन गई है।
पंचायत सरपंच ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
इस मामले को लेकर सिरौना पंचायत के सरपंच कुमार सौरभ ने बीडीओ, एसडीओ, डीडीसी और जिलाधिकारी को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह मामला न केवल व्यक्तिगत रिश्वतखोरी का है, बल्कि संपूर्ण प्रखंड कार्यालय की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है, क्योंकि इसमें ऑफिस तक रुपये पहुंचने की बात भी कही गई है।
