शिक्षकों के ट्रांसफर पर आया ताजा अपडेट, शिक्षकों की लिस्ट हुई तैयार, इस तारीख को जारी होंगी लिस्ट, जानें कब मिलेगी नई पोस्टिंग

शिक्षकों के ट्रांसफर पर आया ताजा अपडेट, शिक्षकों की लिस्ट हुई तैयार, इस तारीख को जारी होंगी लिस्ट, जानें कब मिलेगी नई पोस्टिंग
शिक्षकों का पारस्परिक स्थानांतरण जून महीने में होगा। पारस्परिक स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब जिलों में आवेदनों का सत्यापन किया जा रहा है।
पदाधिकारियों तथा जिला शिक्षा अधीक्षकों को जिला शिक्षा स्थापना समिति की बैठक कर 18 अप्रैल तक अनुशंसा विभाग को भेजने को कहा है।
ये सारी प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी होंगी। अनुशंसित शिक्षकों का स्थानांतरण विभाग की स्वीकृति के बाद होगा। पारस्परिक स्थानांतरण के इच्छुक शिक्षकों ने बड़ी संख्या में आपसी सहमति के पत्र के साथ ऑनलाइन आवेदन किया है।
शिक्षकों ने दिया शपथ पत्र
- शिक्षकों ने पारस्परिक स्थानांतरण के लिए शपथपत्र में इसकी जानकारी दी है कि उनका पूर्व में अंतर जिला स्थानांतरण नहीं हुआ है।
- साथ ही वे भविष्य में भी किसी शिक्षक के साथ पारस्परिक सहमति के आधार पर इस तरह स्थानांतरण नहीं कराएंगे।
शपथपत्र में यह भी लिखा है कि स्थानांतरण के बाद स्थानांतरित जिला में वे वरीयता का दावा नहीं करेंगे। दरअसल, जिन शिक्षकों का पूर्व में अंतर जिला स्थानांतरण हो चुका है, उनका पारस्परिक अंतर जिला स्थानांतरण नहीं होगा।
बताते चलें कि पारस्परिक स्थानांतरण के तहत दो शिक्षक आपसी सहमति से अपने-अपने जिले में परिवर्तन करा सकते हैं। जैसे कोई शिक्षक पलामू से रांची आना चाहता है तथा कोई शिक्षक रांची से पलामू जाना चाहता है तो दोनों आपसी सहमति से पारस्परिक स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पारस्परिक स्थानांतरण के लिए रखी गई ये शर्त
पारस्परिक स्थानांतरण के लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। इनके अनुसार, स्थानांतरण के बाद शिक्षक स्थानांतरित जिले में वरीयता का दावा नहीं करेंगे। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक तथा प्लस टू शिक्षकों के पारस्परिक स्थानांतरण के लिए ये शर्त निर्धारित की गई है।
वेतन निर्धारण में शिक्षकों की कोई भूमिका नही होती : शिक्षक
सरायकेला स्थित नगरपालिका मध्य विद्यालय व जिले के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओ की बैठक बुलाई गई, जिसमें जिला शिक्षा अधीक्षक सरायकेला-खरसावां के उस आदेश के संबंध में चर्चा की गई।
इसमें कहा गया है कि झारखंड लोक सेवा आयोग, रांची द्वारा 2003-04 में नियुक्त शिक्षक-शिक्षिकाओं का वेतन निर्धारण गलत है, जबतक उनका वेतन निर्धारण नहीं हो जाता है तबतक उनका वेतन स्थगित रहेगा।
वेतन निर्धारण गलत होने पर होगी वसूली
यदि वेतन निर्धारण गलत पाया गया तो उनसे राशि की वसूली एकमुस्त की जाएगी। ऐसी स्थिति में शिक्षकों का मानना है कि वेतन निर्धारण में शिक्षकों की कोई भूमिका नही होती। इसमे सारा काम निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी, नियोक्ता जिला शिक्षा अधीक्षक एवं जिला लेखा पदाधिकारी की होती है।
फिर बार-बार वेतन निर्धारण, वेतन स्थगन, वेतन वृद्धि एवं एकमुस्त कटौती का आदेश विभागीय धमकी की तरह परेशानी और चिंता का विषय बना हुआ है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस समस्या जल्द से जल्द समाधान हो।