बिहार में बहार है, टीचर लाचार है…” प्रमोशन चाहिए तो कम वेतन पर करना पड़ेगा काम

“बिहार में बहार है, टीचर लाचार है…” प्रमोशन चाहिए तो कम वेतन पर करना पड़ेगा काम
इन दिनों बिहार के शिक्षक गजब की स्थिति में फंसे हुए हैं. प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक बनने के लिए नियोजित शिक्षकों ने फॉर्म भरा, एग्जाम दिया और पास भी हुए लेकिन जब बात ज्वाइनिंग की आई तो अब ज्वाइन करने से मना कर रहे हैं.
जिस प्रमोशन के लिए उन्होंने इतने सालों तक इंतजार किया, अब जब प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक का पद मिला तो पद ग्रहण से बचते दिखाई दे रहे हैं. इसका कारण है मूल वेतन.
दरअसल, आज की स्थिति में अगर शिक्षक उच्च पद के लिए प्रधान शिक्षक या प्रधानाध्यापक का पद ग्रहण कर लेते हैं तो उनका नया वेतन, वर्तमान वेतन से 4000 से 5000 रुपए घट जायेगा. अब शिक्षकों को या तो बड़ा पद चुनना पड़ेगा या ज्यादा वेतन. इसपर शिक्षक संघ बिहार के प्रदेश अध्यक्ष केशव कुमार ने बताया, “इस तरह की स्थिति बिहार के शिक्षकों को परेशान करने के लिए उत्पन्न किया जा रहा है. शिक्षकों के साथ न्याय करने के बजाय विभाग शिक्षकों को चोरी और बेईमानी करने के लिए धकेल रही है. इसीलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि बिहार में बहार है, टीचर लाचार है.”
शिक्षकों ने कर दी यह मांग
शिक्षक संघ बिहार के प्रदेश अध्यक्ष केशव कुमार ने लोकल 18 को बताया, “आज से करीब तीन-चार साल पहले प्रधानाध्यापक और प्रधान शिक्षकों की वेकैंसी निकाली गई थी. इसमें शिक्षकों ने अप्लाई किया, एग्जाम दिया और क्वालीफाई भी हो गए. लेकिन जब पोस्टिंग का समय आया तो कोई शिक्षक पोस्टिंग लेने को तैयार नहीं है. इसका सबसे बड़ा कारण है पेमेंट. जिस समय अप्लाई हुआ था उस समय शिक्षकों का मूल वेतन लगभग 27 हजार, 28 हजार और 25 हजार था, जबकि प्रधान शिक्षक का 30 हजार और प्रधानाध्यापक का मूल वेतन 35 हजार के आस पास था. आज की तारीख में जो प्रधान शिक्षक बनने जा रहे हैं, उनका मूल वेतन ऑलरेडी 33 हजार से 34 हजार हो गया है. अगर वो पोस्टिंग लेते हैं तो मूल वेतन 30 हजार मिलेगा. प्रधानाध्यापक का मूल वेतन भी घट जायेगा.”
अध्यक्ष केशव कुमार का कहना है, “जो प्रधान शिक्षक या प्रधानाध्यापक बनेंगे, उनका वेतन वर्तमान वेतन से घट जायेगा. अब शिक्षक बड़ा पद लेकर कम वेतन में काम करेंगे और वेतन की भरपाई करने किए लिए अलग अलग योजनाओं से चोरी करेंगे. शिक्षकों के साथ न्याय करने के बजाय शिक्षा विभाग उनको चोरी और बेईमानी करने के लिए धकेल रही है. इसीलिए जबतक मूल वेतन 50 हजार नहीं कर दिया जायेगा कोई भी पोस्टिंग लेने को तैयार नहीं होगा.”
पूरा मामला डिटेल में
पूरा मामला डिटेल में समझिए
दरअसल, प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक की भर्ती नियमावली 2021 में बनी. इसके तहत 2022 में वैकेंसी निकली. तब नियोजित शिक्षकों का मूल वेतन 26 हजार रुपए था, जबकि प्रधान शिक्षकों का मूल वेतन ₹30,500 तय हुआ. दो लाख नियोजित शिक्षकों ने प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक का फॉर्म भरा. भर्ती प्रक्रिया पूरी होने में 3 वर्ष लग गए. इस दौरान शिक्षकों का मूल वेतन 31,340 रुपए हो गया, जबकि वैकेंसी के मुताबिक प्रधान शिक्षकों का वेतन 30,500 रुपए ही रहा. प्रधान शिक्षक और पुराने नियोजित शिक्षकों के मूल वेतन में भी 850 रुपए का अंतर है. बिहार में 15 हजार नियोजित शिक्षक परीक्षा पास कर प्रधान शिक्षक बने.
सभी शिक्षक इसी दुविधा में फंस गए हैं कि ज्वाइन करें या ना करें. ज्वाइन करने पर पद तो बढ़ेगा लेकिन वेतन चार से पांच हजार रूपये घट जायेगा. मामला शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के पास पहुंचा. विभागीय बैठक के आधार पर आगे निर्णय लेने की बात कही गई है.