झंडोत्तोलन के दौरान नशे में पकड़े गए हेडमास्टर, अब स्कूल में भी उड़ रही शराबबंदी की धज्जियां
झंडोत्तोलन के दौरान नशे में पकड़े गए हेडमास्टर, अब स्कूल में भी उड़ रही शराबबंदी की धज्जियां
शराबबंदी लागू होने के बावजूद बिहार में शराब सेवन के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर क्षेत्र का है, जहां गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर को शराब के नशे में झंडोत्तोलन करते हुए गिरफ्तार किया गया।
शराब के नशे में झंडोत्तोलन करने पहुंचे हेडमास्टर
जानकारी के मुताबिक, घटना मीनापुर प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय धर्मपुर पूर्वी की है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर स्कूल के प्रधानाध्यापक संजय कुमार सिंह ध्वजारोहण करने पहुंचे। लेकिन नशे में लड़खड़ाते उनके कदम और झंडा फहराने में असमर्थता को देखकर स्थानीय लोगों को उन पर शक हुआ।
पुलिस ने किया गिरफ्तार
ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक को नशे में धुत देखकर तुरंत स्थानीय विधायक मुन्ना यादव और रामपुर हरि थाना को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हेडमास्टर को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार प्रधानाध्यापक पिछले तीन-चार वर्षों से इस स्कूल में अपनी सेवा दे रहे थे।
विधायक ने उठाए शराबबंदी पर सवाल
मीनापुर के विधायक मुन्ना यादव ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यही है बिहार की शराबबंदी, जहां शिक्षा के मंदिर में तिरंगे का अपमान हुआ। यह बेहद शर्मनाक है कि गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन पर सरकारी स्कूल का हेडमास्टर शराब के नशे में झंडोत्तोलन करने आया।
पुलिस की कार्रवाई जारी
मीनापुर थाना प्रभारी संतोष कुमार ने बताया कि हमें ग्रामीणों से सूचना मिली थी। त्वरित कार्रवाई करते हुए हमने हेडमास्टर को स्कूल परिसर से गिरफ्तार किया। उनका मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है और मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
शिक्षा व्यवस्था और शराबबंदी पर सवाल
इस घटना ने न केवल शराबबंदी कानून बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला नशाबंदी की कमियों और सरकारी कर्मचारियों की गैरजिम्मेदाराना हरकतों को उजागर करता है। गणतंत्र दिवस पर हुई इस घटना ने पूरे क्षेत्र में चर्चा का माहौल पैदा कर दिया है। लोग इस बात पर चिंता जता रहे हैं कि शिक्षा के मंदिर में ऐसे कृत्य देश के भविष्य पर क्या प्रभाव डालेंगे।