सीतामढ़ी के DEO और दरभंगा के पूर्व DPO की पेंशन पर आजीवन रोक, ये रहा पूरा मामला

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सीतामढ़ी के DEO और दरभंगा के पूर्व DPO की पेंशन पर आजीवन रोक, ये रहा पूरा मामला

 

 

बिहार में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए आज काला दिन रहा, ऐसा कहा जा सकता है। पहला मामला बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण से जुड़ा है, जिन्हें गुरुवार को विभाग ने आय से अधिक संपत्ति मिलने के बाद निलंबित कर दिया है।

बता दें कि वहीं दूसरा मामला सीतामढ़ी के पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय प्रसाद देव उर्फ कन्हैया प्रसाद देव से जुड़ा है, जिन्हें निगरानी की टीम साल 2023 में 50 हजार रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। उन पर शिक्षा विभाग के निदेशक सुबोध कुमार चौधरी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके आजीवन पेंशन पर रोक लगा दी है। इस आदेश के बाद अब शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया है।

बता दें कि संजय प्रसाद देव दरभंगा में डीपीओ के पद पर तैनात हुआ करते थे। यहां से उन्हें शिक्षा विभाग ने प्रमोशन देकर सीतामढ़ी का DEO बनाया था। सीतामढ़ी में 16 मार्च 2023 को पटना से आई निगरानी की टीम ने 50 हजार रुपये घूस की रकम लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसके बाद विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया था। काफी दिनों बाद उन्हें जेल जमानत मिलने के बाद विभाग ने फिर से तैनात किया था। अब संजय विभाग से अवकाश प्राप्त कर लिए हैं। अवकाश प्राप्त करने के बाद उनको जीवकोपार्जन के लिए मिलने वाले पेंशन पर विभाग ने आजीवन रोक लगा दी है।

शिक्षा विभाग ने क्या कहा

शिक्षा विभाग के संकल्प में कहा गया, तत्कालीन डीपीओ संजय प्रसाद देव 31 जनवरी 2024 को सेवानिवृत हो गए थे। इसके बाद इनके खिलाफ 29 सितंबर 2024 को जारी विभागीय कार्रवाई को बिहार पेंशन नियमावली में परिवर्तित कर दिया गया। संचालन पदाधिकारी ने जांच प्रतिवेदन में आरोपी पदाधिकारी के खिलाफ गठित आरोप प्रमाणित पाए। इसके बाद इनसे दोबारा स्पष्टीकरण की मांग की गई।

शिक्षा विभाग के डीपीओ संजय से पूछे गए स्पष्टीकरण के जवाब में उन्होंने नया साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया। संचालन पदाधिकारी ने आरोपी अधिकारी के 100 फ़ीसदी पेंशन को सदा के लिए रोकने का दंड लगाया। संचालन पदाधिकारी के दंड प्रस्ताव पर बिहार लोक सेवा आयोग से परामर्श मांगी गई। बीपीएससी ने भी उक्त दंड पर अपनी सहमति दे दी। इसके बाद शिक्षा विभाग ने 17 जनवरी 2025 को संजय की शत प्रतिशत पेंशन को सदा के लिए रोक लगाने का संकल्प जारी कर दिया।

बता दें, सीतामढ़ी के तत्कालीन डीपीओ संजय और एक अन्य डीपीओ में प्रभारी डीईओ के पद के लिए काफी दिनों से रस्साकसी चल रही थी। अंतत संजय ने बाजी मारी थी। उन्हें 15 मार्च की शाम प्रभारी डीईओ का प्रभार मिला था। अगले दिन यानी 16 तारीख को वे 50 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हो गए थे।

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