ऐसे  भी  विद्यालय , न जमीन न भवन , एक ही कक्षा में बैठने को हैं मजबूर सभी छात्र  - News TV Bihar

ऐसे  भी  विद्यालय , न जमीन न भवन , एक ही कक्षा में बैठने को हैं मजबूर सभी छात्र 

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आज भी सेकड़ों ऐसे  स्कूल हैं जिनके पास ना तो जमीन है और ना ही भवन है कक्षा 1 से 5 तक के बच्चे एक ही क्लास में पढ़ने को बेबस हैं

बिहार;–जिले के 140 विद्यालय में मात्र एक शिक्षक हैं जबकि चार स्वतंत्र 90 ऐसे स्कूल चल रहे हैं जो सिर्फ दो शिक्षकों के भरोसे चल रहा है |  राज्य में ऐसे कई स्कूल हैं जहां ना तो स्कूलों को जमीन है और ना ही भवन है ऐसे स्कूल या तो आसमान के नीचे पेड़ के छांव में चलते हैं या किसी विद्यालय में चेक कर दिए गए हैं ऐसे में कक्षा एक से कक्षा 5 तक के बच्चे एक साथ पढ़ने के लिए मजबूर हैं ऐसे विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या भी नहीं के बराबर है कहीं एक शिक्षकों के सहारे स्कूलों का संचालित संचालन किया जा रहा है तो कहीं दो शिक्षकों के सहारे बच्चों के भविष्य के साथ सलवार किया जा रहा है

इसकी सूचना शिक्षा विभाग सहित मंत्री स्तर तक है कई बार निदेशालय से भवनहीन भूमिहीन विद्यालयों को दूसरे विद्यालय में मर्ज करने का आदेश जिला के जिला शिक्षा पदाधिकारी को मिला परंतु जिला शिक्षा पदाधिकारी के लापरवाही के कारण अब तक सैकड़ो विद्यालय अपनी इसी खस्ता हाल में चल रहे हैं

शिक्षा विभाग को चाहिए कि जल्द से जल्द ऐसे विद्यालयों को नजदीक के विद्यालय में सामंजित कर दिया जाए जिससे कि बच्चों का भविष्य समझ सके आज के बच्चे ही कल के भविष्य हैं इसलिए अभिलंब ऐसे विद्यालयों की सूची प्राप्त कर शिक्षा विभाग इस पर अपना ध्यान आकृष्ट करें

साहिबगंज के प्राथमिक विद्यालय प्रहा्रपुर में पहले से पांचवी तक के बच्चों की पढ़ाई एक कमरे में होती है यहां 95 बच्चे नामांकित है मगर इनका पढ़ने के लिए एक ही शिक्षक थे यह स्थिति जिले के 146 स्कूलों की है एक तरफ बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने की दवाई चल रही है तो दूसरी तरफ से करो स्कूलों में ना बच्चों के बैठने की जगह है और ना पढ़ाई पढ़ना को भी सवार शिक्षक हैं

जिले में 146 स्कूल एक शिक्षक तो 497 स्कूल महेश दोस्त शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं यह स्थिति ज्यादातर प्राथमिक और अपग्रेड हाई स्कूलों की है जहां शिक्षकों की कमी से पढ़ाई में बाधा आ रही है इसके अलावा 226 स्कूलों के पास ना तो जमीन है और नहीं अपना भवन है शहरी क्षेत्र में भी 20 से अधिक स्कूलों में दो से तीन कक्षा के बच्चे एक साथ बैठकर पढ़ते हैं शहर के बीच में दर्शन भर प्राथमिक और मिडिल स्कूल एक और दो कमरे में चल रहे हैं

दरवाजे या सामुदायिक भवन में चल रहे हैं 200 से अधिक स्कूल

कटरा का प्राथमिक विद्यालय बनिया टोला हावड़ा ब्रिज स्कूल का वर्तमान पता मोती का दरवाजा है मधुबन का प्राथमिक विद्यालय भवन में चल रहे हैं विभिन्न प्रखंडों के दोस्तों से अधिक स्कूल सामुदायिक भवन से लेकर किसी के दरवाजे पर चल रहे हैं वहीं कई स्कूलों को अन्य स्कूलों में एक या दो कमरे में स्थित किया गया है जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि जिन स्कूलों में एक शिक्षक हैं वहां दूसरी जगह से शिक्षकों का प्रस्तापन जरूरत के अनुसार किया गया है

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