न मिले हेडमास्टर, न ही बना था मिड डे मील, एस सिद्धार्थ के वीडियो कॉल से स्कूलों में हड़कंप - News TV Bihar

न मिले हेडमास्टर, न ही बना था मिड डे मील, एस सिद्धार्थ के वीडियो कॉल से स्कूलों में हड़कंप

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न मिले हेडमास्टर, न ही बना था मिड डे मील, एस सिद्धार्थ के वीडियो कॉल से स्कूलों में हड़कंप

 

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) एस सिद्धार्थ आजकल वीडियो कॉल के जरिए सरकारी स्कूलों का हाल ले रहे हैं. एस सिद्धार्थ के वीडियो कॉल से स्कूलों में हड़कंप है.

इस दौरान ग्रामीण क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल रही है. सुपौल जिले के हरिपुर निर्मली उत्क्रमित विद्यालय में जब एस सिद्धार्थ ने कॉल किया, तो स्कूल से हेडमास्टर ही गायब मिले. वहीं, दोपहर एक बजे तक स्कूल में छात्र-छात्राओं के लिए मिड डे मील नहीं बना था. हेडमास्टर के बारे में पूछे जाने पर एक वरीय शिक्षक ने एसीएस को बताया कि हेडमास्टर सर्वशिक्षा अभियान के कार्य से बैंक गए हैं. वहीं, गैस सिलेंडर खत्म होने की वजह से एमडीएम नहीं बनने का हवाला दिया.

हेडमास्टर से पूछा गया स्पष्टीकरण

एसीएस एस सिद्धार्थ के वीडियो कॉल के बाद विभाग की कार्यशैली में भी अचानक से तेजी आ गई है. देर शाम से ही विभाग द्वारा लगातार स्कूल की समय सारणी और एमडीएम संचालन को लेकर आदेश पर आदेश जारी किया जा रहा है. उधर, शिक्षा विभाग ने एचएम पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है. सुपौल के डीईओ संग्राम सिंह ने बताया कि मामला सामने आने के बाद कार्रवाई शुरू की गई है. संबंधित स्कूल के हेडमास्टर से स्पष्टीकरण पूछा जा रहा है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा एमडीएम डीपीओ महताब रहमानी ने भी एमडीएम संचालन में लापरवाही को लेकर स्पष्टीकरण पूछे जाने की बात कही है. इसके अलावा एमडीएम संचालन को लेकर कई
आदेश भी जारी किए गए है.

हर दिन 10 स्कूल शिक्षकों से करेंगे बात

शिक्षा विभाग की ओर से तैयार नयी व्यवस्था के तहत एसीएस एस. सिद्धार्थ अब खुद प्रतिदिन राज्य के 10 स्कूलों के शिक्षकों से वीडियो कॉल पर बात करेंगे. इसे लेकर उन्होंने अपना मोबाइल नंबर भी जारी किया है, जबकि अन्य जिलों में पदस्थापित शिक्षा विभाग के पदाधिकारी भी हर दिन स्कूल शिक्षकों से बातचीत कर रिपोर्ट तैयार करेंगे. एसीएस की ओर से दिए गए निर्देश के तहत जिला स्तरीय पदाधिकारी वीडियो कॉल शिक्षकों की उपस्थिति और पठन-पाठक की जानकारी प्राप्त करेंगे. इसके लिए जिले के 12 पदाधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है. इन्हें हर दिन वीडियो कॉल कर स्कूल के शिक्षकों से बातचीत कर उनकी उपस्थिति, पठन-पाठन और बच्चों की उपस्थिति के बारे में जानकारी हासिल करनी है. इन सभी शिक्षा पदाधिकारियों को औचक वीडियो कॉल कर कम से कम 10 स्कूलों के शिक्षकों से बातचीत करनी है.

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