हिंदी माध्यम में एनसीईआरटी की अधिकतम किताबें उपलब्ध नहीं छात्र व शिक्षक परेशान
हिंदी माध्यम में एनसीईआरटी की अधिकतम किताबें उपलब्ध नहीं छात्र व शिक्षक परेशान
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद एनसीआरटी की हिंदी माध्यम की अधिकतर किताबें उपलब्ध नहीं है विशेष कर कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्राओं को काफी परेशानी हो रही है क्योंकि बिहार बोर्ड में हिंदी माध्यम में ही पढ़ाई होती है और 11वीं में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू है वहीं प्रतियोगी परीक्षाओं में अधिकतर सवाल भी एनसीईआरटी की किताबें से ही आती है इंजीनियरिंग मेडिकल की तैयारी में तो यह किताबें पढ़नी जरूरी है ऐसे में उन छात्रों को बहुत परेशानी होती है जिनके माध्यम हिंदी है
एनसीईआरटी नेवी नहीं किया अब तक अपडेट
राज शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद एनसीआरटी पिछले 2 साल से किताबों को संशोधित करके अपडेट कर रहा है इसमें कक्षा 1 से आठवीं तक की किताबें अपडेट हो चुकी है अब नवमी और दसवीं की किताबें भी संशोधित होगी लेकिन 11वीं और 12वीं की किताबों का हिंदी मध्यम अपडेट नहीं किया गया है इंटर विज्ञान कला और वनिज में कुल 23 किताबें हैं अगर यह दुरुस्त हो जाए तो सुबह के 15 लाख से अधिक इंटर के छात्रों को राहत मिलती एनसीईआरटी के अनुसार अंग्रेजी की तरह हिंदी माध्यम की किताबें भी छुट्टी है लेकिन संख्या कम होती है वही हिंदी माध्यम की किताबों को 2011 के बाद अपडेट नहीं किया गया है अगर छात्र यह किताबें पढ़ते भी हैं तो उन्हें पुराने डाटा ही मिलेंगे अर्थशास्त्र भूगोल नागरिक शास्त्र आदि विषयों को भी किताबें पुरानी ही चल रही है
मनोज कुमार मैनेजर ज्ञान गंगा पब्लिकेशन बिहार ने कहा कि एनसीईआरटी की सभी किताबें अंग्रेजी माध्यम में उपलब्ध है कुछ विषयों की किताबें हिंदी में है लेकिन वह 10 साल से अपडेट नहीं हुए हैं ऐसे में छात्रों को उन किताबों से पढ़ने का कोई फायदा नहीं होता है
इंद्राणी भाटोदी निदेशक एनसीईआरटी ने कहा कि हिंदी माध्यम की किताबों की मांग कुछ ही राज्यों में होती है ऐसे में उन राज्यों के एनसीईआरटी को कहा जा चुका है वह अपने स्तर से हिंदी माध्यम की किताबों का अनुवाद करें वैसे एनसीईआरटी भी अब हिंदी मध्य की पुरानी किताबों को अपडेट करेगी