महिला आरक्षण विधेयक इसी सत्र में होगा पेश कैबिनेट ने लगाई मोहर - News TV Bihar

महिला आरक्षण विधेयक इसी सत्र में होगा पेश कैबिनेट ने लगाई मोहर

 

 

संसद के विशेष सत्र में नए संसद भवन में एक और इतिहास चर्चा जाएगा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 27 साल से लंबित महिला आरक्षण विधेयक को सोमवार को मंजूरी दे दी इस बिल को बुधवार को नए संसद भवन में होने वाली लोकसभा की बैठक के दौरान पेश किया जा सकता है इसे संसद और विधानसभा में महिलाओं को 33% आरक्षण दिए जाने का रास्ता खुलने के साथी विशेष सत्र में सरकार के मुख्य एजेंट की तस्वीर पूरी तरह से साफ हो गई है

मंत्री मेडल की बैठक में विधेयक को मंजूरी देने से पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहयोगियों ने तीन बार चर्चा की गृह मंत्री अमित शाह ने भी वरिष्ठ मंत्रियों के साथ मंत्रणा की फिर संसद की कार्यवाही खत्म होने के बाद बुलाई गई मंत्रिमंडल की बैठक में विधेयक पर मोहर लगाई गई केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने सोशल मीडिया एक्सपर्ट यह जानकारी पोस्ट की हालांकि बाद में से हटा दिया गया

विधायक के मसौदे पर आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है मगर सूत्रों का कहना है विधेयक को उसके पुराने और मूल स्वरूप में ही मंजूर किया गया है दूसरे शब्दों में कहें तो आरक्षण विधायक में एससी एसटी या ओबीसी के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था नहीं की जाएगी गौरतलब है कि वंचित वर्ग की महिलाओं को आरक्षण की मांग से ही इस विधेयक को कानूनी अमली जामा पहनाने की कोशिश पांच बार नाकाम हो गई

अलग आरक्षण नहीं मांग करने वाले भी कमजोर

सूत्रों के अनुसार विधायक में किसी भी वर्ग के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था नहीं है राजद सपा झू जैसे दल एससी एसटी ओबीसी के लिए अलग से आरक्षण की मांग को लेकर विधायक का विरोध कर रहे हैं वर्तमान में लोकसभा में उनकी उपस्थिति बेहद कमजोर है सपा के चार सांसद हैं तो रजत का एक भी सदस्य नहीं है वहीं भाजपा के साथ कांग्रेस बीजेपी बर्स वाइस आरपी बिल के प्रोजेक्ट समर्थक हैं
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महिला आरक्षण विधेयक को साल 1996 1998 1999 2008 और 2010 में पारित करने की लगातार कोशिश हुई साल 2010 में उप 2 के कार्यकाल में इसे राज्यसभा से भी पारित कराया गया हालांकि लोकसभा में सपा रजत की विरोध के कारण इसे पारित नहीं कराया जा सका मोदी सरकार ने भी अपने पहले कार्यकाल में इस पर चुप्पी सारे रखी हालांकि दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार ने इस महिला वोट बैंक को आकर्षित करने के लिए मास्टर स्ट्रोक के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बनाई है

महिला सांसदों की बढ़ेगी गरिमा

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शुरुआत में संसद में कब महिलाएं थी लेकिन धीरे-धीरे माता बहनों ने भी सदन की गरिमा को बढ़ाया इस सदन की गरिमा में बड़ा बदलाव लाने में उनका अहम योगदान रहा है कितने सालों में साढे 7000 से अधिक जनप्रतिनिधि दोनों सदनों में योगदान दे चुके हैं इस कालखंड में करीब 600 महिला सांसदों ने भी सदनों की गरिमा को बढ़ाया है

महिलाओं की जनसभा को संबोधित करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

विधेयक पर मोहर लगाने और कानूनी जामा पहनाने के बाद पीएम मोदी का महिलाओं की बड़ी जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम संभावित है भाजपा सूत्रों का कहना है विधेयक पारित होने के बाद बड़ी तादाद में महिलाएं दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री को धन्यवाद देंगे भाजपा ने इसके प्रचार प्रसार के लिए व्यापक रणनीति बनाई है इस क्रम में भाजपा अध्यक्ष जेपी नादानी महिलाएं मंत्रियों और महिला सांसदों के साथ बैठक की

महिलाओं के राजनीतिक नेतृत्व में हम बेहद पीछे

लोकसभा में 15.21 फ़ीसदी हिस्सेदारी जबकि वैश्विक औसत 26% है

देश की सियासत में महिलाओं की भागीदारी बेहद कम है लोकसभा में अभी कल सांसदों में महत्व 15.30 इस संसद महिलाएं हैं राज्यसभा में यहां आंकड़ा केवल 13.02% ही है वहीं वैश्विक औसत के मुकाबले भी हम काफी पीछे हैं इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन के अध्ययन के अनुसार सियासत में महिलाओं की भागीदारी हॉस्टल 26% होनी चाहिए विधानसभा में भी विकट हालात हैं दिसंबर 2022 में लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार किसी भी राज्य में 15 फिटी विधायक भी महिला नहीं है वही नागालैंड और मिजोरम में यहां आंकड़ा शून्य है लोकसभा में 42 महिला सांसद है मौजूदा 539 सांसदों का 15.31 भेज दी होता है जबकि राज्यसभा में 31 महिला सांसद हैं जो मौजूदा 238 सांसदों का 13.202% होता है

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