बच्चों को गधा…उल्लू और बुद्दू कहा तो नप जाएंगे बिहार के ‘मास्टर साहब’, अब छात्र देंगे गुरु जी का फीडबैक
बच्चों को गधा…उल्लू और बुद्दू कहा तो नप जाएंगे बिहार के ‘मास्टर साहब’, अब छात्र देंगे गुरु जी का फीडबैक
बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने अब नया फरमान जारी किया है। इसके तहत सरकारी स्कूल के शिक्षक अब छात्रों का नाम बदलकर या उनके नाम को बिगाड़ कर नहीं बुलाएंगे।
या पढ़ाई में कमजोर छात्र को गधा…उल्लू..मंदबुद्धि कहकर नहीं बुलाएंगे। साथ ही अब छात्र अपने शिक्षकों की फीडबैक देंगे। जिन शिक्षकों के फीडबैक में कमी निकलेगी उनको प्रशिक्षण दिया जाएगा।
दरअसल, भागलपुर समेत पूरे बिहार में सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक नया प्रयोग शुरू किया जा रहा है। अब तक अभिभावक-शिक्षक बैठकों में केवल शिक्षक ही छात्रों की प्रगति के बारे में बताते थे, लेकिन अब छात्र भी अपने शिक्षकों के बारे में अपनी राय रख सकेंगे। इस नए प्रयोग के तहत छात्रों को यह मौका दिया जाएगा कि वे अपने शिक्षकों की खूबियों और कमियों के बारे में खुलकर बात कर सकें। छात्रों के फीडबैक के आधार पर स्कूल प्रबंधन शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण देने और शिक्षण पद्धतियों में सुधार करने के उपाय करेगा।
शिक्षा विभाग ने स्कूलों में छात्रों के साथ अशिष्ट व्यवहार करने वाले शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। छात्रों के उपनाम रखना या उनके नामों का मजाक उड़ाना अब पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। साथ ही पढ़ाई में कमजोर छात्र को गधा या उल्लू कमजोर याददाश्त वाले छात्र को मंदबुद्धि आदि कहकर पुकारा जाने पर भी रोक लगा दिया गया है। इसके अलावा कुछ शिक्षक बच्चों के नाम भी बिगाड़कर बुलाते हैं। जैसे-आलोक को आलोकवा आदि। इससे छात्रों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती है और इसका उनकी शैक्षणिक क्षमता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। शिक्षा विभाग ने अब पूरी तरह से इन मामलों पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।
स्कूलों में मॉनीटर सिस्टम में भी बदलाव किया जा रहा है। अब केवल पढ़ाई में तेज छात्रों को ही मॉनीटर नहीं बनाया जाएगा, बल्कि कमजोर छात्रों को भी मॉनीटर बनने का मौका मिलेगा। मॉनीटर स्कूल से अनुपस्थित रहने वाले छात्रों को स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। एक महीने तेज छात्रों को मॉनीटर बनाया जाएगा तो अगले महीने कमजोर छात्र को भी मौका दिया जाएगा।
डीईओ राजकुमार शर्मा ने कहा कि इन बदलावों के माध्यम से स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जाएगा और छात्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जाएगा।