BPSC TRE 1 और 2 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करने की जिम्मेदारी विभाग ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सौपी,
BPSC TRE 1 और 2 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करने की जिम्मेदारी विभाग ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सौपी,
बीपीएससी की ओर से प्रथम चरण टीआरई-1 तथा द्वितीय चरण टीआरई-2 के तहत नियुक्त शिक्षकों की पात्रता परीक्षा से संबंधित प्रमाणपत्रों की जांच की जिम्मेदारी एचएम की होगी.
इस संबंध में शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना ने पत्र जारी किया है.
इसमें कहा गया है कि बिहार राज्य के बाहर के वैसे अध्यापक जो वर्ग एक से पांच व वर्ग छह से आठ के लिए नियुक्त हुए हैं. सीटेट में 90 से कम अंक प्राप्त किया है, उन्हें मुक्त किया जाना है. इसी तरह बिहार राज्य के बाहर के वैसे शिक्षक जो वर्ग नौ से दस व 11 से 12 के लिए नियुक्त हुए हैं. एसटेट में 50 प्रतिशत या 75 से कम अंक प्राप्त किये हैं. उन्हें भी सेवा मुक्त किया जाना है. ऐसे में प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने विद्यालय में कार्यरत विद्यालय अध्यापकों के सीटेट व एसटेट प्रमाण पत्रों की जांच अपने स्तर से करा लेंगे.
यदि सेवा मुक्त के लिए कोई शिक्षक कार्यरत हैं तो उनकी सूची के साथ प्रमाण पत्रों की छाया प्रति, आवासीय प्रमाण पत्र व आधार कार्ड की स्व अभिप्रमाणित प्रति 24 घंटे के अंदर प्रखंड संसाधन केंद्र में समर्पित करेंगे. यदि भविष्य में कोई भी विद्यालय अध्यापक जिनका सीटेट व एसटेट में निर्धारित से कम अंक पाया जाता है तो उनके देय वेतन की सारी जवाबदेही एचएम की होगी.
गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को हटाएं
शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्यों में प्रतिनियुक्त नहीं किया जाएगा. प्राथमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक ने डीईओ को पत्र जारी किया है.
इसमें कहा गया है कि शिक्षकों की बहाली शैक्षणिक कार्य के लिए की जाती है. लेकिन, देखा जा रहा है कि अधिकारी की ओर से शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य कराया जाता है. इससे स्कूल की शैक्षणिक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इस मामले में रोक के लिए पहले भी विभागीय पत्र जारी किया गया है.