ACS एस शिद्धार्थ ने कहा –बिहार के शिक्षक 100 प्रतिशत है ईमानदार , शिक्षकों की उपस्थिति की नही होगी जाँच, बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कक्षावार अधिकारी करें गहंतापूर्वक निरीक्षण, विद्यालय प्रबंधन का भी करे अनुश्रवण
ACS एस शिद्धार्थ ने कहा –बिहार के शिक्षक 100 प्रतिशत है ईमानदार , शिक्षकों की उपस्थिति की नही होगी जाँच, बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कक्षावार अधिकारी करें गहंतापूर्वक निरीक्षण, विद्यालय प्रबंधन का भी करे अनुश्रवण
अब शिक्षकों की उपस्थिति की नही होगी जाँच बल्कि बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा विद्यालय प्रबंधन की जाँच करें अधिकारी:–ACS एस शिद्धार्थ
एस सिद्धार्थ ने कहा हम शिक्षकों की नही करेंगे मोनेटरिंग, न ही किसी अधिकारी को शिक्षकों का करने देंगे शोषण, आप ईमानदारी से बच्चों को दे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा । शिक्षा विभाग क्या प्रमुख सचिव के सिद्धार्थ ने कहा कि विद्यालय निरीक्षण करने वाले अधिकारी शिक्षकों की जांच नहीं करें बल्कि विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता की जांच करें और उनमें क्या-क्या कमी है उनको सुधारने के तरीके शिक्षकों को समझाएं और बताएं साथी विद्यालय प्रबंधन की भी घंटा से जांच करें विद्यालय किसी भी प्रकार से गंदा नहीं हो
शिक्षा विभाग के एक्स सिद्धार्थ ने कहा कि हम शिक्षकों की किसी भी प्रकार की निगरानी या जांच नहीं करेंगे और ना ही किसी अधिकारी को शिक्षकों को अपमानित करने देंगे यदि ऐसा शिकायत कहीं मिलता है तो हम अपने विभाग के अधिकारी पर करी से करी कार्रवाई करेंगे लेकिन आप शिक्षको से हमारी एक ही गुजारिश है कि आप अपनी ईमानदारी से बिहार के गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दें ताकि भविष्य में यह बच्चे आपका नाम देश का नाम राज्य का नाम अपने माता-पिता का नाम पूरी दुनिया में रोशन करें
राज्य के सरकारी विद्यालयों में निम्न गुणवत्ता वाले बेंच-डेस्क की आपूर्ति करने वाले एजेंसियों पर सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस.सिद्धार्थ ने चेतावनी देते हुए बुधवार को आदेश दिया कि विद्यालयों में निम्न गुणवत्ता वाले बेंच-डेस्क नहीं बदलने वाले आपूर्तिकर्ताओं पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी, ब्लैकलिस्टेड (काली सूची में शामिल) किए जाएंगे।
उन्होंने यह भी आदेश दिया है कि विद्यालयों के आलमीरा में बंद पड़े कंप्यूटर लौटाए जाएंगे। ठीक से काम नहीं करने वाले आउटसोर्सिंग एजेंसी के कर्मचारी हटाए जाएंगे। निर्माणाधीन वर्गकक्ष वाले विद्यालयों के बच्चों की पढ़ाई पांच सौ मीटर के दायरे वाले सामुदायिक या अन्य सरकारी भवनों में होगी।
हर स्कूल में स्वच्छ पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था होगी। शौचालयों में साबुन रखना अनिवार्य होगा। शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण के लिए हर शनिवार को हर जिला शिक्षा पदाधिकारी शिक्षक-दरबार लगाएंगे।
आदेश के अनुपालन नहीं होने पर नपेंगे डीईओ
डॉ. सिद्धार्थ ने राज्य में गुणात्मक शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भी सख्त लहजे में निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था में सुधार लाने के लिए काम करना होगा। इसका अनुपालन नहीं क रने वाले पदाधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रत्येक शनिवार को शिक्षकों की शिकायतों को सुनेंगे और उसका निराकरण भी करेंगे। शिक्षकों को सम्मान देंगे। आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराए गए व्यक्ति ठीक से काम नहीं कर रहे हों तो उन्हें हटाएं।
प्रत्येक विद्यालय में बिजली मीटर की व्यवस्था अनिवार्य
उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि विद्यालयों में लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय सुनिश्चित होंगे। शौचालयों में साफ-सफाई के साथ साबुन रखना अनिवार्य होगा। प्रत्येक विद्यालय में बिजली मीटर एवं वायरिंग की व्यवस्था के साथ बल्ब एवं पंखे की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए। बिजली बिल का हर माह भुगतान सुनिश्चित होना चाहिए। अगर एक माह के बाद भी निरीक्षण में कमियां पायी गईं तो संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
कंप्यूटर वाले विद्यालयों में इंटरनेट सुविधा
अपर मुख्य सचिव के निर्देश में कहा गया है कि राज्य के जिन विद्यालयों में कम्प्यूटर सुविधा है, वहां इंटरनेट की व्यवस्था सुनिश्चित होगी। आपूर्ति के उपरांत आलमीरा में बंद कंप्यूटर हैं तो उसे आपूर्तिकर्ता को लौटाए जाएंगे। जिन विद्यालयों में कंप्यूटर की आवश्यकता है, वहां के लिए अधियाचना शिक्षा विभाग को भेंजे।