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बीएससी ने शिक्षा विभाग को भेजो जवाबी पत्र कहा पढ़े , संविधान

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बीएससी ने शिक्षा विभाग को भेजो जवाबी पत्र , कहा पढ़े संविधान

 

 

बिहार :–बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से शिक्षा विभाग को कड़ा जवाबी पत्र भेजा गया है बीएससी के सचिव रवि भूषण ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से आयोग को 5 सितंबर को भेजे गए पत्र का जवाब दिया है निदेशक को भेजे गए पत्र में सचिन ने कहा है कि आयोग शिक्षा विभाग और राज्य सरकार के नियंत्रण में कार्य नहीं करती है अगर यह स्पष्ट नहीं है तो संविधान के प्रावधानों का अध्ययन कर ले साथी उन्होंने विभाग को दोबारा इस तरह का पत्राचार करने की दृष्टि नहीं करने की हिदायत विधि है ।

किया है मामला

दरअसल बीएससी की ओर से ली जा रही शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के तहत 4 सितंबर से 12 सितंबर तक अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन का कार्य किया जा रहा है इसके लिए आयोग के स्तर से सभी डीएम को पत्र लिखकर इस संबंध में उचित व्यवस्था करने को कहा गया था इस काम में शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों को भी सेवा ली जा रही थी माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की ओर से स्कूलों में चलाए जा रहे विशेष अभियान का हवाला देते हुए 5 सितंबर को बीएससी सचिन को इस कार्य से शिक्षा अधिकारियों कर्मियों व शिक्षकों को अभिलंब अलग रखने का अनुरोध किया गया था हालांकि इसके अगले दिन बिहार सरकार के मुख्य सचिव की ओर से सभी डीएम को पत्र लिखकर सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन के कार्य से शिक्षा अधिकारियों व शिक्षकों को छोड़कर अन्य अधिकारियों को इस काम में लगाने को कहा गया इस बीच 6 सितंबर को ही बीएससी सचिन की ओर से माध्यमिक शिक्षा निदेशक को उक्त जवाबी पत्र भेजा गया था

शिक्षा विभाग का BPSC मो पत्र

शिक्षक नियुक्ति के आवेदक अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन कार्य में शिक्षा पदाधिकारी कर्मियों और शिक्षकों की प्रति नियुक्ति स्वीकार ही नहीं है ना ही यह शिक्षा के हित में है नंबर दो विद्यालय अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 के नियम 9ए के अनुसार प्रमाण पत्र का सत्यापन नियुक्ति पत्र जारी करने से पूर्ण कराया जाना है इसके विपरीत बिना अनुशंसा या कार्य करने का कोई औसत नहीं है पॉइंट नंबर 3 नियुक्ति प्राधिकार को प्रमाण पत्रों का सत्यापन करना इस नियम के तहत जरूरी होता है इसलिए अभी आयोग द्वारा या प्रक्रिया किया जाना और इसमें शिक्षा अधिकारियों व शिक्षकों को लगाना श्रम का दुरुपयोग है पॉइंट नंबर 4 आयोग अपने कार्यालय स्तर पर प्रमाण पत्र का सत्यापन करना चाहे तो वह स्वतंत्र है

BPSC का विभाग को जवाबी पत्र

1 :-प्रमाण पत्र का सत्यापन दो स्थानों पर किया जाता रहा है पहले रिजल्ट के अंतिम प्रकाशन के पूर्व आयोग द्वारा व दूसरा सफल अभ्यर्थियों के नियोजन के समय नियोक्ता विभाग द्वारा दोनों का अपना औचित्य है और दोनों एक दूसरे के पूरक हैं ।

2:– आयोग के सत्यापन कार्य में राज्य सरकार हमेशा सहयोग करती है इसके लिए किस विभाग के अधिकारी कर्मी लगाए जाएं यह राज्य सरकार का विषय है इस संबंध में कोई आपत्ति अनुरोध राज सरकार से किया जाना चाहिए।

3:– आयोग के आंतरिक प्रक्रिया के अचित पर प्रश्न चिन्ह लगाना या हस्तक्षेप करना दोबारा दबाव बनाना और संवैधानिक है अनुचित और अस्वीकारी भी है ।

4 :–इन प्रावधानों को जानने के बाद भी बिना प्रमाण पत्रों के सत्यापन के ही आयोग से अनुशंसा की अपेक्षा करना आश्चर्यजनक है ।

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