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1 अप्रैल से राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में बदल जाएंगे नियम , मिलने लगेगी बच्चों को कई सुविधाएं

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1 अप्रैल से राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में बदल जाएंगे नियम , मिलने लगेगी बच्चों को कई सुविधाएं

बिहार के पहली से 12वीं कक्षा तक के लगभग 26 सौ सरकारी स्कूल 31 मार्च तक व्यवस्थित हो जायेंगे. इसका मतलब यह है कि अब इन सरकारी स्कूलों में हेडमास्टरों को बेंच-डेस्क की कमी की शिकायत नहीं होगी.

इसके अलावा स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं भी निर्धारित तिथि से पहले बहाल कर दी जाएंगी. जिलाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह जिम्मा किसी और ने नहीं बल्कि दो दिन पहले छपरा दौरे पर आये शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने दिया है. अब देखना यह है कि 31 मार्च तक अपर मुख्य सचिव द्वारा दिया गया टास्क कितना पूरा होता है. बहरहाल, केके पाठक के इस आदेश से सारण की जनता खुश है. खासकर अभिभावक संतुष्ट हैं.

आदेश मिलते ही अफसर हुए एक्टिव

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद जिलाधिकारी ने कार्य को पूरा करने के लिए अभियान के रूप में लिया है और अपने प्रशासनिक अधिकारियों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मदद से सभी टास्क को पूरा करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है.

सभी बेंच-डेस्क निर्माण करने वाले वेंडर को ताकीद कर दी गयी है कि 24 से 48 घंटे के अंदर दिये गये निर्देश को पूरा करें. क्योंकि वेंडर ने बहुत पहले ही कार्य शुरू कर दिया था. लेकिन, अभी तक स्कूलों में बेंच-डेस्क नहीं पहुंचे हैं. ऐसे में अब इसे युद्ध स्तर पर लिया जा रहा है. सोमवार को सभी वेंडरों की बैठक भी बुलायी गयी है, जिसमें कई आवश्यक दिशा निर्देश दिये जायेंगे.

हर सरकारी स्कूल में होगी बोरिंग

पेयजल व्यवस्था की परेशानी को स्कूलों में दूर करने के लिए अब चापाकल के साथ-साथ बोरिंग की भी व्यवस्था की जा रही है, ताकि बच्चों को 24 घंटे पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध हो सके. सभी हेड मास्टरों से स्कूलों में पेयजल व्यवस्था की स्थिति की जानकारी ली जा रही है. हर हेड मास्टर और प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को फोन करके यह जानकारी ली जा रही है कि कहां-कहां बोरिंग की व्यवस्था है और कहां-कहां केवल चापाकल और रनिंग वाटर की व्यवस्था है. स्कूलों में बोरिंग की व्यवस्था हो जाती है, तो निश्चित तौर पर बच्चों के लिए काफी सुविधाजनक होगी.

रंगरोगन और मरम्मत का भी दिया आदेश

यदि स्कूल काफी दिनों से रंगे नहीं गये हैं, तो स्कूलों की पेंटिंग और टूटी-फूटी दीवारों और सीलिंग की मरम्मत करने को भी कहा गया है. इतना ही नहीं, स्कूल परिसर में बागवानी, पौधारोपण, साफ-सफाई, शौचालय, यूरिनल, दिव्यांग बच्चों के लिए रैंप आदि की भी व्यवस्था करने को कहा गया है. कुल मिलाकर 31 मार्च तक सभी स्कूल चकाचक दिखे. इसकी व्यवस्था करने को कहा गया है और एक अप्रैल से शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए पढ़ाई शुरू हो जायेगी. इसके बाद एक बार और स्कूलों का भ्रमण होगा और जहां भी लापरवाही मिलेगी, सीधे तौर पर कार्रवाई शुरू हो जायेगी.

क्या कहते हैं अधिकारी

अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश का अनुपालन करने के लिए लगातार जिलाधिकारी के दिशा निर्देश पर काम चल रहा है. जल्द ही सभी स्कूलों में बेंच-डेस्क पर बच्चे पढ़ते दिखायी देंगे. अन्य सुविधाएं भी बहाल की जा रही हैं.

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