DEO, DPO नहीं बल्कि विद्यालय शिक्षा शनीति देखेगी विद्यालय प्रबंधन की व्यवस्था,
DEO, DPO नहीं बल्कि विद्यालय शिक्षा शनीति देखेगी विद्यालय प्रबंधन की व्यवस्था,
यह प्रशिक्षण पूरे राज्य भर में जून से अगस्त महीने तक चलेगा। इन तीन महीनों में विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्यों को स्कूल प्रबंधन की जानकारी दी जाएगी।
70 हजार स्कूलों के विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य लेंगे प्रशिक्षण
राज्य में 70 हजार से अधिक स्कूल हैं। सभी में 17 सदस्यीय विद्यालय शिक्षा समिति कार्यरत है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के अनुसार प्रत्येक स्कूल के 17 में से छह सदस्यों को स्कूल प्रबंधन की जानकारी दी जाएगी। इन छह में से दो-दो सदस्य को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।
जून से शुरू होगा प्रशिक्षण देने का कार्य
प्रशिक्षण देने का काम जून महीने से होगा। यह प्रशिक्षण पूरी तरह गैर आवासीय होगा। यह प्रशिक्षण सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक चलेगा।ये मास्टर ट्रेनर जिला स्तर पर और फिर प्रखंड स्तर पर जाकर स्कूल के अन्य विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य स्कूल प्रबंधन की जानकारी देंगे।
तीन महीने में कार्य पूरा करने का है लक्ष्य
यह पूरा कार्य जून से अगस्त तक यानी तीन महीने में पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि इसकी शुरुआत जून महीने से कर ली जाएगी। विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य जब पूरी तरह प्रशिक्षित हो जाएंगे तो स्कूल प्रबंधन का कार्य सारा कार्य उन्हें सौंप दिया जाएगा। इसके बाद उनके जिम्मे प्रबंधन को देखने का कार्य हो जाएगा।
स्कूल हित में लेंगे निर्णय
स्कूल में अगर कोई नीतिगत निर्णय लेना है या स्कूल के विकास हित में निर्णय लेना है इस संबंध में विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य लेंगे। लिए गए निर्णय को जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी से अवगत कराएंगे। अब तक विद्यालयों की देख रेख जिला शिक्षा पदाधिकारी स्तर पर की जाती थी।
विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य को मिली बड़ी जिम्मेदारी
जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी विद्यालय प्रबंधन के अलावा अन्य कार्य देखेंगे। ऐसे में विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य को सरकार ने बड़ी जिम्मेदीर सौंपी है। इसके लिए उन्हें बकायता प्रशिक्षित भी किया जाएगा। गैर आवासीय जून से अगस्त तक यानी तीन महीने में पूरा कर लिया जाएगा।
