बिहार में बढ़ेगी शिक्षकों की सैलरी? 7वें और 8वें वेतन आयोग पर आया जरूरी अपडेट - News TV Bihar

बिहार में बढ़ेगी शिक्षकों की सैलरी? 7वें और 8वें वेतन आयोग पर आया जरूरी अपडेट

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बिहार में बढ़ेगी शिक्षकों की सैलरी? 7वें और 8वें वेतन आयोग पर आया जरूरी अपडेट

 

। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार काे विधानसभा में आए एक ध्यानाकर्षण के जवाब में कहा कि सातवें वेतन आयोग के तहत शिक्षकों को ग्रेड पे और लेवल निर्धारण पर वित्त विभाग की सहमति नहीं है।

आठवें वेतन आयोग के लिए जब फिटमेंट कमेटी की गठन होगा तब इस पर सोचेंगे और वित्त विभाग को अनुशंसा की जाएगी।

ध्यानाकर्षण पर अजय कुमार ने कहा कि राज्य के सरकारी विभागों व राज्य कर्मियों को अपने पद के अनुसार सातवें वेतन आयोग के तहत मूल वेतन के साथ ग्रेड पे दिया जा रहा है। लेवल भी निर्धारित है।

वहीं, बीपीएससी-टीआरई-1, टीआरई-2 तथा टीआरई द्वारा चयनित अध्यापक एवं सक्षमता पास विशिष्ट शिक्षकों के लिए न तो ग्रेड पे है और न ही उनका लेवल निर्धारित है।

इतनी मिल रही सैलरी

सिर्फ नियोजन की तरह वर्ग एक से पांच के अध्यापकाें एवं विशिष्ट शिक्षकों को 25 हजार, कक्षा छह से आठ तक के अध्यापकों को 28 हजार, वर्ग नौ से दस के अध्यापकों व विशिष्ट शिक्षकों को 31 हजार तथा कक्षा 11 से 12 के अध्यापक एवं विशिष्ट शिक्षकाें को 32 हजार रुपए मूल वेतन दिया जा रहा जो सातवें वेतन आयोग से बिल्कुल अलग है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकाें को ईपीएफ का लाभ दिया जा रहा। उनके वेतन में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

एक माह के भीतर आ जाएगी विश्वविद्यालय के शिक्षकेतर कर्मियों की रिक्ति की जानकारी

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार काे विधानसभा में आए एक प्रश्न के जवाब में कहा कि विश्वविद्यालयों से शिक्षकेतर कर्मियों की रिक्ति की सूचना एक माह के अंदर विभाग को मिल जाएगी। इसके खाली पदों पर नियुक्ति के लिए कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) को लिखा जाएगा।

इस संबंध में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से बात हो चुकी है। खजौली विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने यह सवाल किया था। उन्हाेंने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में शिक्षकेतर कर्मियों के कुल पद 16000 हैं। इसके विरुद्ध केवल 5700 कर्मी ही कार्यरत हैं। वहीं, कर्मियों का रिटायरमेंट भी तेज गति से हो रहा।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों ने एक बार सूची भेजी थी पर उसमें त्रुटि थी। इसके बाद विश्वविद्यालयों को फिर से सुूची भेजने को कहा गया है। सूची तेज गति से आए इस बारे में हिदायत दी गयी है।

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