स्कूलों में बदली व्यवस्था से छात्र हैं खुश , इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री ने नियोजित शिक्षकों की सराहना , बहुत जल्द पूरा होगा नियोजित शिक्षकों का सपना :-CM बिहार
बिहार की शिक्षा व्यवस्था से खुश हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार :–स्कूलों में बदली व्यवस्था से छात्र हैं खुश , इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री ने नियोजित शिक्षकों की सराहना , बहुत जल्द पूरा होगा नियोजित शिक्षकों का सपना :-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ।स्कूली व्यवस्था की बेहतरी व शिक्षा व्यवस्था में नियोजित शिक्षकों के योगदान पर किये गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि शिक्षकों ने अपनी जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से निभाया । बिहार के बच्चे और अभिभावकों में भी खुशी देखी जा रही है । शिक्षकों के खोया हुआ सम्मान पुनः हासिल हो रही हैं । बहुत जल्द नियोजित शिक्षकों का सपना पूरा हो जाएगा । हमारी कामयाबी के सूत्रधार तो हमारे के सहयोगी व कर्मचारी ही तो है ।
सरकारी विद्यालयों में प्राइमरी से लेकर हाई स्कूल व इंटर कॉलेज तक में छात्र छात्राएं ही नहीं बल्कि शिक्षकों का भी समय से पहुंचने वाले विभाग के अपर मुख्य सचिव के पाठक की चर्चा इन दिनों आम से लेकर आज तक की जुबान पर है आपके सामने न्यूज़ टीवी बिहार के मंच से व्हाट्सएप संवाद में शामिल शिक्षक व विभागों ने कहा कि स्कूल में स्कूल टाइम पढ़ाई होना शुभ संकेत है इस संबंध में कई शिक्षकों और अभिभावकों से न्यूज़ टीवी बिहार के संवाददाता ने बात की
सेवानिवृत्ति डॉक्टर सुशील पांडे ने इस संबंध में कहा कि शिक्षा विभाग के बरिपदाधिकारी द्वारा नित जारी किए जा रहे निर्देशों का असर यह दिख रहा है कि शिक्षक अब समय से स्कूल जा भी रहे हैं और ए भी रहे हैं यह अच्छी पहल है इससे शैक्षणिक माहौल कायम रहेगा लेकिन उसे बिंदु पर भी विचार करने की जरूरत है जहां विद्यालय में आधारभूत संरचना ही नहीं है
संबंध में प्राचार्य डीएम हाई स्कूल का इंटर कॉलेज राकेश कुमार सिंह ने बताया कि विभाग के बड़ी पदाधिकारी का निर्देश अच्छा है लेकिन इसे पूरी तरह से धरातल पर उतरने में समय लगेगा नितनेम निर्देश जारी करने व दबाव बनाने से समस्याएं नहीं सुलझा पाएगी विद्यालयों में आधारभूत की संरचना की ओर कमी है बच्चों के हिसाब से शिक्षक की कमी है बच्चों के हिसाब से शिक्षक हुआ कमरे नहीं है इंटर में नामांकन धरालय से हो रहा है लेकिन पढ़ने के लिए शिक्षक नहीं है
सेवानिवृत्ति शिक्षक युगल किशोर दुबे ने बताया कि छात्र व शिक्षक समय से स्कूल जा रहे हैं दिन प्रतिदिन संख्या बढ़ रही जो फीडबैक चाहिए उतना नहीं मिल रहा है लिख से हटकर काम करने की सहेली सही नहीं है शिक्षक राजनीति करने की जगह पढ़ना शुरू कर दिए हैं स्कूल को प्लस टू कर दिए लेकिन शिक्षक नहीं है इसे देखने की जगह शौचालय व सफाई का निर्देश कहां तक सही है
इस संबंध में आशा कुमारी प्राचार्य डीएवी हाई स्कूल इंटर कॉलेज ने बताया कि सरकारी स्कूलों में इन दिनों जो माहौल दिख रहा है जिस प्रकार से शैक्षणिक वातावरण धरातल पर उतर रहा है उसकी जरूरत थी सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का माहौल बन रहा है शिक्षक व छात्र दोनों समय से आ जा रहे हैं क्या यह बहुत बड़ी बात नहीं है हालांकि जहां आधारभूत संरचना जहां पर नहीं है उसे पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है सबसे बड़ी बात यह है कि अब लोगों का सरकारी स्कूलों के प्रति नजरिया बदलने लगा है
वही इस संबंध में एक अभिभावक रंजीत किशोर ने बताया कि इन दोनों सरकारी स्कूलों की बलि व्यवस्था गुरुकुल की याद दिला रही है प्राचीन काल में गुरुकुल में शिक्षक हुआ विद्यार्थियों की उपस्थिति समय से होती थी सरकार ने सरकारी विद्यालय में सुविधा बहुत देरी लेकिन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व शैक्षणिक माहौल को कायम नहीं कर सके सरकारी स्कूल का बदल रहा या शैक्षणिक माहौल हर तरह से स्वागत योग्य है