दो एचएम सहित आठ शिक्षकों से डीइओ ने किया शोकॉज - News TV Bihar

दो एचएम सहित आठ शिक्षकों से डीइओ ने किया शोकॉज

 

 

जांच के दौरान अनियमितता व शिक्षकों के नदारद रहने के मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह ने के दो प्रधानाध्यापक सहित आठ सहायक शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछा है.

सदर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय बिंदुसार पूरब टोला में जिला परियोजना प्रबंधक द्वारा चार जनवरी को निरीक्षण के दौरान कक्षाएं संचालित नहीं पायी गयीं. निरीक्षण के समय दोपहर 12.55 बजे तक छात्र-छात्राओं की उपस्थिति दर्ज नहीं की गयीं थी. विद्यालय में छह बच्चे उपस्थित पाये गये थे. मध्याहन भोजन की पंजी भी अद्यतन नहीं थी.

साथ ही जनवरी माह के लिए पंजी में कोई प्रविष्टि नहीं की गयीं थी. वहीं सहायक शिक्षक अखंडानंद तिवारी व अतिश कुमार विद्यालय में उपस्थित नहीं थे, जबकि उपस्थिति पंजी में उपस्थिति दर्ज थी. इस मामले में दोनों शिक्षक सहित प्रधानाध्यापिका मुन्नी कुमारी से स्पष्टीकरण पूछा गया है. वहीं नया प्राथमिक विद्यालय कर्णपुरा उर्दू के प्रधानाध्यापक मो. सैय्यद इरशाद हसन नकवी व शिक्षिका सुनैना कुमारी से भी स्पष्टीकरण पूछा गया है.

इस विद्यालय में 16 जनवरी को डीपीएम की निरीक्षण के दौरान प्रधानाध्यापक व शिक्षिका अनुपस्थित थी. इधर पचरूखी प्रखंड के नया प्राथमिक विद्यालय कोड़र के सहायक शिक्षिका पूनम कुमारी व संजू देवी से भी स्पष्टीकरण पूछा गया है. डीपीएम द्वारा 13 जनवरी को निरीक्षण के दौरान विद्यालय में कुल 6 शिक्षकों में से 2 उपस्थित पाये गये. जबकि निरीक्षण के क्रम में ही दो शिक्षक विद्यालय में उपस्थित हो गये. पूनम कुमारी व संजू देवी विद्यालय में अनुपस्थित पायी गयीं,

जबकि उपस्थिति पंजी में सभी शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज पायी गयी थी. वहीं इसी प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कल्याणपुर के शिक्षक विक्रमा राम से भी स्पष्टीकरण पूछा गया है. बताया गया है कि 13 जनवरी को डीपीएम की निरीक्षण में विक्रमा राम विद्यालय में अनुपस्थित पाये गये थे. जबकि उपस्थिति पंजी में उनकी उपस्थिति दर्ज थी. इनसे भी पूछा गया स्पष्टीकरण- वहीं पचरूखी प्रखंड के नया प्राथमिक विद्यालय, तरवारा (कोईरी टोला) के प्रधानाध्यापक सहित सभी शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछा गया है.

बताया जाता है कि 18 जनवरी को जिला परियोजना प्रबंधक के निरीक्षण के दौरान विद्यालय बंद पाया गया था. जबकि विभागीय आदेशानुसार विद्यालय में सभी शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य थी. इस मामले में सभी से स्पष्टीकरण पूछा गया है.

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