शिक्षकों के ऑनलाइन अटेंडेंस और फोटो अपलोड करने की विभागीय जांच में मिली गड़बड़ी, ACS ने खुद से संभाली मोर्चा 

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शिक्षकों के ऑनलाइन अटेंडेंस और फोटो अपलोड करने की विभागीय जांच में मिली गड़बड़ी, ACS ने खुद से संभाली मोर्चा 

 

ई-शिक्षा कोष पर जिले के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का ऑनलाइन हाजिरी अनिवार्य की गई है. लेकिन, कई शिक्षक शिक्षिकाओं द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति सिस्टम को भी गच्चा दे रहे पाए गए हैं.

हाजिरी के लिए एक ही फोटो को कई बार अपलोड करने की भी बात सामने आई है. ऑनलाइन हाजिरी बनाने के दौरान शिक्षकों द्वारा छेड़छाड़ करने का मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने इसे काफी गंभीरता से लिया है. अब उन शिक्षकों पर नकेल कसने की तैयारी विभाग में शुरू कर दी है.

यही नहीं, इन शिक्षकों पर सख्ती नहीं हुई तो निरीक्षण करने वाले अधिकारियों पर भी कठोर कार्रवाई होगी. उन्हें सेवा मुक्त करने का भी एक्शन विभाग के द्वारा लिया जा सकता है.

इसके साथ ही उनकी गतिविधियों को सेवा पुस्तिका में भी दर्ज किया जाएगा. इसको लेकर विभाग के निदेशक (प्रशासन)-सह-अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया है. जारी पत्र में उन्होंने कहा है कि शिक्षकों द्वारा इ शिक्षा कोष एप के जरिए ऑनलाइन उपस्थिति एक सितंबर से बनाई जा रही है. शिक्षकों के लिए अनिवार्य है कि उन्हें विद्यालय परिसर के 500 मीटर के भीतर ही उपस्थिति दर्ज करनी है और ई-शिक्षा कोष मोबाइल एप पर परिसर के 500 मीटर के भीतर का लाइव फोटोग्राफ खींचकर अपलोड करना है.

इधर विभाग द्वारा शिक्षकों के ऑनलाइन हाजिरी के डाटाबेस का विश्लेषण के दौरान पाया गया है कि कुछ शिक्षकों ने ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली में धोखाधड़ी किया है. अपलोड किए गए फोटोग्राफ की जांच के दौरान पाया गया है कि कई शिक्षकों ने एक ही फोटोग्राफ बार-बार, कई दिनों तक अपलोड किया है. इससे यह स्पष्ट हुआ है कि उक्त शिक्षक उस दिन विद्यालय में उपस्थित नहीं थे और किसी अन्य व्यक्ति ने

पहले से खींचे गए फोटोग्राफ का उपयोग कर उपस्थिति दर्ज की है.इसके अतिरिक्त यह भी देखा गया है कि कुछ शिक्षक अपनी उपस्थिति प्रणाली में विद्यालय परिसर के बाहर जैसे खेत या अन्य स्थानों से अस्पष्ट फोटोग्राफ अपलोड कर रहे हैं.

सेवा पुस्तिका में दर्ज होगी टिप्पणी

इधर विभाग ने इसे काफी गंभीरता से लेते हुए डीइओ को जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया है. विभागीय नियमों के अधीन कठोर दंडात्मक कार्रवाई करते हुए इसकी प्रविष्टि उनकी सेवा पुस्तिका में भी करने का निर्देश दिया है. साथ ही जांच कर समय-समय पर ऐसे संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा है कि संबंधित विद्यालय के निरीक्षणकर्ता यदि इस बात को संज्ञान में नहीं लाते हैं तो यह माना जायेगा की इस तरह के कृत में उनकी भी सहभागिता है तथा उन पर भी कार्रवाई का निर्देश दिया है.

मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की भी संलिप्तता मानी जायेगी. मामले में डीइओ रजनीकांत प्रवीण ने बताया कि विभागीय निर्देश से सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सहित निरीक्षण कर्ता को अवगत कराते हुए जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.

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