प्रधानाध्यापक बनने के लिए 8 वर्ष का अनुभव आवश्यक होगा , कैबिनेट ने इस पर लगाई मोहर
BIHAR प्रारंभिक से उच्च माध्यमिक तक के विद्यालयों में प्रधानाध्यापक बनने के लिए पहले 10 वर्ष अथवा 12 वर्ष अनुभव की आवश्यकता थी इसी की बुनियाद पर प्रधानाध्यापक के बहाली पर हाईकोर्ट पटना ने रोक लगा दी और बिहार सरकार को इस संबंध में आदेश जारी कर कहा कि इस नियमावली को फिर से एक बार देखिए
नीतीश कैबिनेट ने कल की स्पष्ट कर दिया कि प्रारंभिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक बनने के लिए कम से कम 8 वर्ष का अनुभव होना अनिवार्य है जिन अभ्यर्थियों के पास कम से कम 8 वर्ष का अनुभव होगा अब वही अभ्यर्थी प्रारंभिक विद्यालय से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक बन सकेंगे प्रधानाध्यापक की बहाली में जो पेज फंसा हुआ था उसे नीतीश कैबिनेट ने पूरी तरह समाप्त कर दिया है
अब बहुत जल्द प्रधानाध्यापक बहाली हेतु फिर से आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और आने वाले 1 से 2 माह में प्रधानाध्यापक की बहाली की परीक्षा का आयोजन कर दिया जाएगा ऐसा बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले सभी सरकारी स्कूलों में प्रधान अध्यापक को उपलब्ध कर दिया जाएगा
प्रधानाध्यापक की परीक्षा लगभग दिसम्बर माह में आयोजित की जाएगी | शिक्षा विभाग ओर BPSC फिर से मंथन कर इसका सिलेबस तैयार किया जाएगा | परीक्षा के पैटर्न में भी कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं |