बिहार के 7221 स्कूलों के शिक्षकों को खोज रहा विभाग, रिकॉर्ड में नहीं है नाम; येलो जोन में डाले गए 11 जिले - News TV Bihar

बिहार के 7221 स्कूलों के शिक्षकों को खोज रहा विभाग, रिकॉर्ड में नहीं है नाम; येलो जोन में डाले गए 11 जिले

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बिहार के 7221 स्कूलों के शिक्षकों को खोज रहा विभाग, रिकॉर्ड में नहीं है नाम; येलो जोन में डाले गए 11 जिले

 

बिहार के 7221 स्कूलों के शिक्षकों को विभाग खोज रहा है। इन स्कूलों के शिक्षकों का विभागीय रिकॉर्ड में नाम ही नहीं है। यू डायस की रिपोर्ट की समीक्षा से यह मामला खुला है। समीक्षा के बाद मुजफ्फरपुर समेत 11 जिलों को विभाग ने येलो जोन में डाला है।

इन जिलों के सबसे अधिक स्कूलों के शिक्षकों का रिकॉर्ड नहीं है। मुजफ्फरपुर में 4100 में 686 स्कूल के शिक्षक का नाम नहीं है। निदेशक ने इन जिलों के अधिकारियों से जवाब मांगा है। विभाग ने निर्देश दिया है कि जिन शिक्षकों का रिकॉर्ड में नाम नहीं है, उन्हें स्कूल में नहीं माना जाएगा। यू डायस में छात्रों के साथ ही शिक्षकों का भी रिकॉर्ड देना है। इसमें स्कूलवार शिक्षकों का नाम, पता, जन्मतिथि, योगदान तिथि, शैक्षणिक-प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र के साथ ही अब तक किन किन स्कूलों में रहे हैं, इसका भी ब्योरा देना है। 7221 स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने अपने यहां के एक भी शिक्षक का अब तक रिकॉर्ड दिया ही नहीं है।

येलो जोन में आने वाले 11 जिलों की स्थिति

पूर्वी चंपारण में 4292 स्कूलों में 334 ने शिक्षकों का रिकॉर्ड नहीं दिया है, खगड़िया में 1382 में 132 का नहीं मिला है, शिवहर में 568 में 56 का, गोपालगंज में 2521 में 258 तो पटना में 4925 में 525 का नहीं मिला है। इसी तरह वैशाली में 2857 में 367 का तो मधुबनी में 4020 में 520 का नहीं मिला है। बक्सर में 1657 में 270 का तो मुजफ्फरपुर में 4100 में 686 का नहीं मिला है। सीवान में 3210 में 648 तो सीतामढ़ी में 2915 में 595 का नहीं मिला है। वहीं, किशनगंज में 2062 में 465 स्कूलों का रिकॉर्ड नहीं मिला है।

नए प्रतिनियुक्त शिक्षकों के लिए बड़ी परेशानी

यू डायस में विशेष तौर पर पिछले दो साल में नए नियुक्त शिक्षकों का नाम डालना है, जिससे वे विभागीय रिकॉर्ड में आ सकें। इन शिक्षकों का नाम नहीं डाले जाने के कारण सबसे अधिक परेशानी होगी। बिहार शिक्षा परियोजना निदेशक ने निर्देश दिया है कि जिन शिक्षकों का रिकॉर्ड नहीं होगा और उन्हें वेतन भुगतान किया जाएगा तो यह माना जाएगा कि अनियमितता की गई है। इसके लिए हेडमास्टर से लेकर बीईओ, डीपीओ पर भी कार्रवाई होगी।

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