2 सीनियर ऑफिसरो पर शिक्षा विभाग ने करवाई की शुरू, शिक्षा विभाग ने अधिकारीयों को दिया 3 महीने का समय
2 सीनियर ऑफिसरो पर शिक्षा विभाग ने करवाई की शुरू, शिक्षा विभाग ने अधिकारीयों को दिया 3 महीने का समय
कार्य में लापरवाही बरतने मामले में शिक्षा विभाग ने मुंगेर में पदस्थापित दो डीपीओ आनंद वर्मा और विनय कुमार सुमन के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है।
इस संबंध में शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने आदेश जारी कर दिया है।
दोनों अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई संचालन के लिए शिक्षा विभाग के सचिव सुनील कुमार संचालन पदाधिकारी तथा जिला शिक्षा पदाधिकारी असगर अली को उपस्थापन पदाधिकारी बनाया गया है।
इसके साथ ही अधिकारियों को तीन माह के अंदर दोनों अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही से संबंधित रिपोर्ट मांगा है। बताते चलें कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक बी. कार्तिकेय धनजी अप्रैल माह में जिले के आधार दर्जन से अधिक विद्यालयों का निरीक्षण किया था।
इस दौरान उन्होंने विद्यालयों में कई प्रकार की कमियां पाई थी। इस पर उन्होंने दोनों अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया था। इसके बाद डीईओ ने दोनों अधिकारियों के विरुद्ध आरोप पत्र गठित करते हुए विभाग को भेज दिया था।
विनय कुमार सुमन पर है यह आरोप
डीपीओ विनय कुमार सुमन पर विभागीय कार्यवाही संचालन से संबंधित पत्र में कहा गया है कि विद्यालयों का संचालन संतोषजनक नहीं पाया जाना, प्री-फैब स्ट्रक्चर का अर्धनिर्मित अवस्था में पाया जाना, अक्रियाशील शौचालयों को ससमय नहीं तुड़वाना, विद्यालयों का प्रभावी अनुश्रवण व निरीक्षण नहीं किया जाना इत्यादि आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाया गया है।
इसे लेकर बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली के तहत विनय कुमार सुमन के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की जाती है।
वहीं दूसरी ओर डीपीओ मुंगेर आनंद वर्मा पर शुरू की गई विभागीय कार्यवाही को लेकर कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान विद्यालयों का संचालन संतोषजनक नहीं होना, विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति कम पाया जाना, उच्चाधिकारी तथा अधोहस्ताक्षरी कार्यालय से बार-बार विद्यालयों का सतत प्रभावी निरीक्षण व अनुश्रवण करने के निर्देश देने के बावजूद आदेश की अवहेलना करते हुए मनमाने ढ़ंग से निरीक्षण करना, जिसके कारण विद्यालय संचालन तथा विद्यालयों के वर्ग में बच्चों की उपस्थिति कम पाया गया है।
यह सभी आरोप प्रथम दृष्टया में प्रमाणित पाया गया है। ऐसे में आनंद वर्मा पर बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली के तहत विभागीय कार्यवाही शुरू की जाती है।