सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी,  संविदा कर्मचारी होंगे परमानेंट! पेंशन सहित इन सुविधाओं का मिल सकता है लाभ, जल्द जारी हो सकता है आदेश - News TV Bihar

सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी,  संविदा कर्मचारी होंगे परमानेंट! पेंशन सहित इन सुविधाओं का मिल सकता है लाभ, जल्द जारी हो सकता है आदेश

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सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी,  संविदा कर्मचारी होंगे परमानेंट! पेंशन सहित इन सुविधाओं का मिल सकता है लाभ, जल्द जारी हो सकता है आदेश

Samvida Karmchari Niyamitikaran Latest Update अनियमितीकरण की राह देख रहे अनियमित कर्मचारियों को जल्द ही खुशखबरी मिल सकती है। बिहार सरकार शिक्षा विभाग में संविदा के आधार पर नौकरी कर रहे कर्मचारियों को तोहफा दे सकती है।

दरअसल, बिहार सरकार ने हाल ही में नौंवी और दसवीं कक्षा में भी मिड डे मील योजना शुरू करने का प्लान कर रही है। इसके लिए सरकार के एक प्रतिनिधि मंडल में बीतें दिनों तमिलनाडु का दौरा किया था। टीम ने तमिलनाडु की शिक्षा व्यवस्था का अध्ययन किया है। टीम अब 5 दिनों के बाद अपनी रिपोर्ट देगी।

Samvida Karmchari Niyamitikaran Latest Update दरअसल, तमिलनाडू के 75% स्कूल के प्रिंसिपल ही जिले के डीईओ और बीईओ बनते हैं। इसके अलावा वहां संविदा और अस्थाई की जगह शिक्षक से लेकर कुक तक की स्थाई सरकारी नौकरी है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि आठ सदस्यीय टीम की रिपोर्ट के बाद सरकारी विद्यालयों में संविदा व्यवस्था हटाकर स्थाई व्यवस्था लागू कर सकती है। इसके अलावा तमिलनाडु में शिक्षा विभाग के सभी कर्मियों के लिए 60 वर्ष की उम्र के बाद रिटायरमेंट पर पेंशन का प्रावधान है। स्कूल में मैनेजर स्तर की कर्मचारियों को 24000, कुक को 14000 और सहायक कुक को ₹8000 वेतन मिलते हैं। रिटायरमेंट के बाद ₹2000 प्रति माह पेंशन के रूप में मिलता है। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में सरकार ऐसी व्यवस्था लागू कर सकती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अध्ययन करने गई टीम ने यह अभी पाया है कि तमिलनाडु में प्रत्येक वर्ष सरकारी विद्यालयों में हर छात्र को चार सेट कपड़ा मिलता है। इसके अलावा माध्यमिक और उच्च माध्यमिक वर्ग में छात्रों के लिए हर दिन सुबह 8 से 9 और शाम 4 से 5 अतिरिक्त क्लासेस चलते हैं। कक्षा 1 से 5 के बच्चों को मिड डे मील के बाद, स्पीच प्रैक्टिस के लिए हर दिन 20 मिनट तेज आवाज में बोलकर पढ़ना अनिवार्य है। टीचर और छात्र की उपस्थिति का काम मोबाइल और टैब के माध्यम से होता है। स्कूल से लेकर मुख्यालय तक ऑनलाइन सिस्टम है। अब देखना है की टीम 4 अगस्त तक अपनी जो रिपोर्ट देती है उसमें क्या नई व्यवस्था शुरू करने की सलाह देती है।

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