एस सिद्धार्थ ने कर दिया ऐसा काम की जो काम k k पाठक 11 महीना मे भी नहीं कर पाए, जिलाधिकारी के लिए भी बनी चुनौती
एस सिद्धार्थ ने कर दिया ऐसा काम की जो काम k k पाठक 11 महीना मे भी नहीं कर पाए, जिलाधिकारी के लिए भी बनी चुनौती
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ.एस. सिद्धार्थ केके पाठक से भी 10 कदम आगे बढ़कर काम कर रहे हैं। वह बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने में जुट गए हैं।
बच्चों के नामांकन में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब तक का सबसे ठोस कदम उठाया है।
एस. सिद्धार्थ ने शत-प्रतिशत छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड बनवाने के दिए निर्देश
डॉ.एस. सिद्धार्थ (S Siddharth) ने बिहार के सरकारी विद्यालयों के शत-प्रतिशत छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड बनवाने का आदेश सभी जिलाधिकारियों को दिया है। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा है कि राज्य सरकार की सभी लाभुक योजनाओं का लाभ छात्र-छात्राओं को उपलब्ध हो, इसके लिए छह से 18 आयु वर्ग के छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड का होना अनिवार्य है।
सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चों के नामांकन के लिए आधार कार्ड अनिवार्य
अपर मुख्य सचिव द्वारा जिलाधिकारियों को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि सरकारी और निजी विद्यालयों में नामांकन के लिए बच्चों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है। ऐसे में जिन बच्चों के आधार कार्ड नहीं बने हैं, उन बच्चों के आधार कार्ड बनवाने के लिए जिलों में अभियान चलाएं।
वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2024-25 में सभी सरकारी विद्यालयों में नामांकित सभी बच्चों से संबंधित आंकड़ों को ई-शिषाकोष पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है।
यह कार्य बच्चों के आधार संख्या सीडिंग के साथ की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य विद्यालयों में फर्जी एवं दोहरा नामांकन को रोकना है। आधार संख्या उपलब्ध होने पर वास्तविक नामांकित बच्चे को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। इसलिए दोहरे नामांकन वाले बच्चे भी चिन्हित किए जा रहे हैं।