सरकारी स्कूलों में बनेगा स्विमिंग पूल, तैराकी में भी दक्ष होंगे छात्र , 4 करोड़ 40 लाख रुपए किये जाएंगे खर्च - News TV Bihar

सरकारी स्कूलों में बनेगा स्विमिंग पूल, तैराकी में भी दक्ष होंगे छात्र , 4 करोड़ 40 लाख रुपए किये जाएंगे खर्च

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सरकारी स्कूलों में बनेगा स्विमिंग पूल, तैराकी में भी दक्ष होंगे छात्र , 4 करोड़ 40 लाख रुपए किये जाएंगे खर्च

सरकारी स्कूल खासकर बाढ़ प्रभावित जिलों की विद्यालयों में स्विमिंग पूल बनाए जाएंगे इसकी मदद से छात्र-छात्राओं को तैराकी में भी दक्ष बनाया जाएगा ताकि पर के समय में खुद का बचाव के साथ ही अपने गांव अथवा आसपास के क्षेत्र में डूबने वाले लोगों को हर संभव मदद पहुंचा सके

आपदा प्रबंधन विभाग के आदेश पर भवन निर्माण विभाग में स्विमिंग पूल का प्रारूप एवं इसकी अनुमानित लागत अच्छी है भवन निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख सा पर आयुक्त विशेष सचिव सुधांशु शेखर राय ने स्विमिंग पूल निर्माण की पूरी विवरण हो आपका विभाग के सचिव को भेज दिया है 25 मीटर लंबा और 12 मीटर 84 स्विमिंग पूल के साथ दो चेंजिंग रूम बनाने पर 4 करोड़ 40 लाख 52000 की लागत आएगी उन्होंने बताया कि अब तक उसकी प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिल सकती है स्वीकृति मिलने के बाद ही से धरातल पर उतरने की रणनीति तय की जा सके लोगों की होने वाली मौत में 251 की मृत्यु हुई थी इसी वर्ष छठ महाप्रभु के दौरान 47 लोगों की मौत डूबने से हुई थी इनमें 39 बच्चे अथवा किशोर थे किसी को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में स्विमिंग पूल निर्माण समेत कई अन्य कदम उठाए जा रहे हैं

बाढ़ से होने वाली छाती को कम करने की है कवायद

बाढ़ से होने वाली छाती को कम करने के लिए आपदा जोखिम यानी कारण रोड मैप 2015 से 2030 बनाया गया है इसके तहत कई लक्ष्य रखे गए इन लक्षणों की पूर्ति के लिए कई तरह की गतिविधियों पर काम शुरू किया जा चुका है ।

स्कूलों में स्विमिंग पूल का निर्माण उन गतिविधियों में वर्ष 2020 तक प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली माता में और आपदा प्रभावित की संख्या में 50% की मिलने का लक्ष्य रखा गया है इसी के तहत सुरक्षित तैराकी कार्यक्रम शुरू किया गया है बांग्लादेश की तर्ज पर नदियां जलाशयों के किनारे बसे गांव के छोरे 18 आयु वर्ग के बच्चों को डूबने से बचने के लिए सुरक्षित तरह की योजना शुरू की गई है

बच्चे कराची में दक्ष बनेंगे

आपदा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से बताया कि अखिलेश जिलों में से 15 अति बार पवन माने जाते हैं यानी यहां बाहर से अधिक क्षति होती है जबकि 13 जिलों के बाद पवन माना गया है इन जिलों में प्राथमिकता के आधार पर स्विमिंग पूल बनाए जाएंगे हालांकि यह योजना अभी काफी प्रारंभिक अवस्था में है यह विभाग की सोच है कि बच्चे शराब की नेता से बनेंगे और आपदा से होने वाले मौत को काम किया जा सके

आपदा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से बताया कि अखिलेश जिलों में से 15 अति बार पवन माने जाते हैं यानी यहां बाहर से अधिक क्षति होती है जबकि 13 जिलों के बाद पवन माना गया है इन जिलों में प्राथमिकता के आधार पर स्विमिंग पूल बनाए जाएंगे हालांकि यह योजना अभी काफी प्रारंभिक अवस्था में है यह विभाग की सोच है कि बच्चे शराब की नेता से बनेंगे और आपदा से होने वाले मौत को काम किया जा सकेगा

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