सेकेंडरी-प्लस टू स्कूलों में होगी क्लर्कों की नियुक्ति, नोटिफिकेशन जारी

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सेकेंडरी-प्लस टू स्कूलों में होगी क्लर्कों की नियुक्ति, नोटिफिकेशन जारी

 

 

राज्य के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लिपिकों (क्लर्क) की नियुक्ति होगी। इसके साथ ही सेवाकाल में मृत शिक्षक कर्मियों की आश्रितों की अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति होगी।

इससे संबंधित बिहार राज्य विद्यालय लिपिक (नियुक्ति, सेवाशर्त एवं अनुशासनिक कार्रवाई) संवर्ग नियमावली, 2025 की अधिसूचना जारी की गई।

यह अधिसूचना शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के हस्ताक्षर से बुधवार को जारी की गई। इसके साथ ही नियमावली लागू हो गई है।

अधिसूचना के मुताबिक, विद्यालय लिपिक के पद मूल कोटि के होंगे। वरीय विद्यालय लिपिक के पद प्रथम प्रोन्नति स्तर के एवं प्रधान विद्यालय लिपिक के पद द्वितीय प्रोन्नति स्तर के होंगे। मूल कोटि के 15 प्रतिशत पद विद्यालय परिचारी की प्रोन्नति से भरे जाएंगे।

मूल कोटि के कुल पदों में 50 प्रतिशत पद अनुकंपाधारियों से भरे जाएंगे। इसके लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी होगी। इसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी भी शामिल होंगे।

15 प्रतिशत पद विद्यालय परिचारी की प्रोन्नति से भरे जाएंगे। बाकी पदों पर सीधी भर्ती कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से लिखित परीक्षा के आधार पर होगी।

विश्वविद्यालयों की समस्याओं के समाधान को राजभवन ने बनायी कमेटी

दूसरी ओर, राज्य के विश्वविद्यालयों की समस्याओं के समाधान के लिए राजभवन ने तीन कुलपतियों की कमेटी गठित की है। कमेटी पंद्रह दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपेगी। इस संबंध में बुधवार को राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्थू के हस्ताक्षर से अधिसूचना जारी की गई। कमेटी में जिन तीन कुलपतियों को शामिल किया गया है, उनमें जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के कुलपति प्रो. प्रमेन्द्र कुमार बाजपेयी, पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह एवं पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विवेकानन्द सिंह शामिल हैं।

अधिसूचना के मुताबिक कमेटी समर्थ पोर्टल के समस्या के निराकरण एवं उसके कार्यान्वयन के लिए शिक्षा विभाग को रिपोर्ट सौंपेगी। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन एवं बजट आदि से संबंधित समस्या पर भी कमेटी विचार करेगी। पठन-पाठन एवं बजट आदि से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए कमेटी अपना रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपेंगी।

कमेटी के समक्ष बाकी विश्वविद्यालयों के कुलपति अपना सुझाव रखेंगे। ऐसे कुलपति चाहें, तो कमेटी की बैठक में भी भाग ले सकेंगे। सभी विश्वविद्यालयों से प्राप्त सुझाव के आलोक में उसकी समीक्षा कर कमेटी पंद्रह दिनों में अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपेगी। अधिसूचना के मुताबिक 18 जून को राज्यपाल एवं कुलाधिपति राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां की अध्यक्षता में आयोजित कुलपतियों की बैठक में विश्वविद्यालयों की समस्याओं का निराकरण हेतु कमेटी गठित करने का निर्णय लिया गया था।

बुधवार को जारी अधिसूचना की प्रति शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के साथ सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी भेजी गई है।

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