बिहार मे कुछ भी हो सकता है, बिहार के शिक्षक ने तो कुदरत की कारीगरी को भी बदल दिया, शिक्षक के इस कारनामें से ग्रामीणों मे फूटा गुस्सा

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बिहार मे कुछ भी हो सकता है, बिहार के शिक्षक ने तो कुदरत की कारीगरी को भी बदल दिया, शिक्षक के इस कारनामें से ग्रामीणों मे फूटा गुस्सा

 

जमुई के सरकारी स्कूल में पाई गई गड़बड़ी पर लोगों ने सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशाना लगाया है। लोगों का कहना है कि बिहार में सुधारहो ही नहीं सकता है, यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी ऐसी खबरें आई थीं कि शिक्षक व्यक्तिगत रूप से स्कूल जाने के बजाय घर से या यहां तक कि दूसरे राज्य से अपनी हाज़िरी बना रहे हैं।

यह अजीबोगरीब मामला जमुई जिले के खैरा प्रखंड के मध्य विद्यालय भंडरा का है। जहां शिक्षको ने तो कुदरत की कारिगरी को भी बदल दिया। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने योजना एवं लेखा के जिला कार्यक्रम अधिकारी के माध्यम से प्रधानाध्यापक से इस उपस्थिति धोखाधड़ी के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है।

शिक्षकों द्वारा उपस्थिति दर्ज करने के लिए अपनी लिंग पहचान बदलने से जुड़े इस मामले ने व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। जिन शिक्षकों से उनके कार्यों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया उनमें अनिल कुमार, रेणु कुमारी सिंह, ज्योति कुमारी रजक, मुकेश कुमार, निर्णय कुमार और गोपाल कुमार सिंह शामिल थे। योजना एवं लेखा के डीपीओ ने विशेष रूप से उनकी संलिप्तता के बारे में पूछताछ की।

यह पाया गया कि अनिल कुमार अप्रैल के दौरान 10 दिनों के लिए ‘इन’ और 14 दिनों के लिए ‘आउट’ उपस्थिति सेल्फी अपलोड करने में विफल रहे। इसी तरह, रेणु कुमारी सिंह ने उसी महीने में 5 ‘इन’ दिनों और 8 ‘आउट’ दिनों के लिए अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं की, जबकि 7 अप्रैल को उनकी ‘आउट’ उपस्थिति सेल्फी में एक पुरुष शिक्षक था।

उपस्थिति को लेकर लापरवाही दूसरे शिक्षकों में भी देखी जा सकती है। उदाहरण के लिए, मुकेश कुमार ने 22 मार्च से 30 अप्रैल के बीच सिर्फ़ तीन दिन अपनी उपस्थिति सेल्फी से दर्ज की। निर्णय कुमार ने अप्रैल में चार दिन ‘इन’ उपस्थिति सेल्फी और दस दिन ‘आउट’ उपस्थिति सेल्फी अपलोड नहीं की, जबकि 3 मई को उनकी ‘आउट’ सेल्फी में एक महिला शिक्षिका दिखी।

गोपाल कुमार सिंह ने भी अप्रैल में नौ दिन ‘इन’ उपस्थिति सेल्फी और ग्यारह दिन ‘आउट’ उपस्थिति सेल्फी अपलोड न करके लापरवाही दिखाई। इसके अलावा, 2 अप्रैल को उनकी ‘आउट’ उपस्थिति सेल्फी की जगह एक महिला शिक्षिका की सेल्फी लगा दी गई। डीपीओ द्वारा इन शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है।

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