सरकारी स्कूलों के टाइम टेबल मे होगा फिर से बदलाव, पुरे राज्य मे लागु होगा BCF 2025, अब प्राथमिक स्कूलों मे इतना घंटा, मध्य विद्यालय मे इतना घंटा जबकि माध्यमिक विद्यालयों मे 8 घंटा 3 मिनट तक होंगी बच्चो की पढ़ाई

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सरकारी स्कूलों के टाइम टेबल मे होगा फिर से बदलाव, पुरे राज्य मे लागु होगा BCF 2025, अब प्राथमिक स्कूलों मे इतना घंटा, मध्य विद्यालय मे इतना घंटा जबकि माध्यमिक विद्यालयों मे 8 घंटा 3 मिनट तक होंगी बच्चो की पढ़ाई

 

इससे पहले, जून 2024 में सरकार ने यह निर्देश जारी किया था कि बिना आधार कार्ड किसी भी छात्र का नामांकन नहीं होगा। लेकिन इससे स्कूलों में नामांकन की संख्या गिर गई थी, विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में। अब नई नीति के तहत, बच्चे के माता-पिता में से किसी एक का आधार कार्ड दिखाना पर्याप्त होगा। इसके बाद स्कूल प्रबंधन बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड बनवाने में मदद करेगा।

बिहार सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए यह घोषणा की है कि अब छात्रों को छात्रवृत्ति, पोशाक, मिड डे मील और साइकिल योजना जैसी सुविधाएं पाने के लिए 75% उपस्थिति की अनिवार्यता नहीं होगी। इस बदलाव से राज्य के लगभग 10 लाख छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा।अब शिक्षा अधिक लचीली और समावेशी होगी, खासकर उन बच्चों के लिए जो स्वास्थ्य, पारिवारिक स्थिति या अन्य समस्याओं के कारण नियमित स्कूल नहीं आ पाते।

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने स्पष्ट किया कि हर ज़िले के शिक्षा पदाधिकारियों को 100% नामांकन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं। नामांकन पखवाड़ा के दौरान 6 वर्ष की आयु के सभी बच्चों का स्कूल में प्रवेश कराया जा रहा है। दस्तावेजों की कमी होने पर स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षा अधिकारी सहयोग करेंगे।

SCERT बिहार ने NCERT के राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (NCF) के आधार पर ‘बिहार करिकुलम फ्रेमवर्क 2025’ (BCF 2025) लागू किया है। इसके तहत बच्चों की शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों, कला, खेल-कूद और रचनात्मक विकास पर भी जोर दिया जाएगा।

विद्यालय समय: सुबह 8:30 बजे से दोपहर 3:45 बजे तक

हर पीरियड: 40-45 मिनट

स्नैक्स ब्रेक: लंच से पहले 15 मिनट

लंच ब्रेक: 45 मिनट

कुल शिक्षण समय:

प्राथमिक स्तर – 6 घंटे

उच्च प्राथमिक – 7.15 घंटे

माध्यमिक – 8.35 घंटे

इस ढांचे में बच्चों के लिए गीत, प्रार्थना, मौखिक भाषा कौशल, आर्ट एंड क्राफ्ट, और सप्ताह में दो दिन खेल व सह-पाठ्यक्रम गतिविधियाँ अनिवार्य की गई हैं।

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