इस जिले मे निगरानी विभाग को शिक्षकों के सर्टिफिकेट जाँच मे 109 शिक्षक के सर्टिफिकेट मिले फर्जी, जिले के अलग अलग थानो मे दर्ज कराई FIR - News TV Bihar

इस जिले मे निगरानी विभाग को शिक्षकों के सर्टिफिकेट जाँच मे 109 शिक्षक के सर्टिफिकेट मिले फर्जी, जिले के अलग अलग थानो मे दर्ज कराई FIR

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इस जिले मे निगरानी विभाग को शिक्षकों के सर्टिफिकेट जाँच मे 109 शिक्षक के सर्टिफिकेट मिले फर्जी, जिले के अलग अलग थानो मे दर्ज कराई FIR

 

नियोजित शिक्षकों की सर्टिफिकेट की जाँच मे जोर शोर से निगरानी विभाग लगी हुई है, जाँच के दौरान निगरानी विभाग को बिहार के सीतामढ़ी जिले मे अभी तक 109 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी मिले है, इन सभी 109 फर्जी प्रमाण पत्रों के खिलाफ निगरानी विभाग ने जिले के अलग अलग थानो मे FIR दर्ज कराई है, अब इनकी नौकरी पर तलवार लटक चुकी है

इसमें फर्जी डिग्री पर कार्यरत प्रारंभिक शिक्षकों की संख्या 105, पुस्तकालय अध्यक्ष की संख्या एक, उच्च माध्यमिक शिक्षक की संख्या एक व माध्यमिक शिक्षकों की संख्या दो है।

जानकारी के अनुसार, प्रारंभिक 9447 शिक्षकों के फोल्डर में उपलब्ध कराए गए प्रमाण पत्रों की जांच में जुटी निगरानी विभाग की टीम प्रमाण पत्रों की जांच कर रही है।

इसमें अब तक राज्य के अंदर संचालित विश्वविद्यालय व बोर्ड स्तर पर 1074 प्रमाण पत्र लंबित हैं। इसी प्रकार राज्य के बाहर संचालित विश्वविद्यालय व बोर्ड स्तर पर 710 मामले लंबित हैं।

माध्यमिक शिक्षकों के 129 प्रमाण पत्र सत्यापन को लेकर लंबित

वहीं, पोर्टल से प्राप्त फोल्डर के आलोक में राज्य में संचालित विश्वविद्यालय और बोर्ड स्तर पर 578 व राज्य के बाहर 314 प्रमाण पत्रों का सत्यापन कार्य लंबित रखा गया है।

वहीं राज्य के बाहर के विश्वविद्यालय व बोर्ड स्तर पर पुस्तकालय अध्यक्ष के 21, उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 122 व माध्यमिक शिक्षकों के 129 प्रमाण पत्र सत्यापन को लेकर लंबित हैं।

रेशनलाइजेशन के नाम पर कम हो गए शिक्षकों के 377 पद

उधर, मुजफ्फरपुर में सीनेट की बैठक में रेशनलाइजेशन के नाम पर कालेजों में कम हुए शिक्षकों के पदों का मुद्दा एमएलसी डा. संजय सिंह ने उठाया।

उन्होंने कहा कि रेशनलाइजेशन से सीटों की संख्या घटा दी गई। 377 पदों को मृत घोषित कर दिया गया। इसे 2012 में लागू किया गया था।

उस वक्त कहा गया कि अगर जरूरत पड़ी तो भविष्य में सीटें लौटा दी जाएंगी। 10 वर्ष की अवधि 2022 में पूरी हो गई है लेकिन अब तक वे पद सरकार से प्राप्त नहीं हुए हैं।

साथ ही 20 प्रतिशत सीटों की वृद्धि के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजे जाने की जरूरत है। एमएलसी ने संबद्ध कालेजों में पद सृजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है।

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