178 हेडमास्टरों की रोकी गई सैलरी, शिक्षा विभाग ने एक लापरवाही पर 24 घंटे के अंदर मांगा जवाब

178 हेडमास्टरों की रोकी गई सैलरी, शिक्षा विभाग ने एक लापरवाही पर 24 घंटे के अंदर मांगा जवाब
ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं के आंकड़ों के सुधार कार्य में शिथिलता व लापरवाही बरतने के मामले में जिले के 178 विद्यालय प्रधानों के वेतन पर रोक लगा दी गई है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी मनीष कुमार सिंह ने मामले में संबंधित विद्यालय प्रधानों के वेतन पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण भी मांगा है।
डीईओ ने कहा है कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा प्रासंगिक पत्र के माध्यम से आकड़ों में सुधार के लिए बार-बार स्मारित किया जाता रहा है।
आंकड़ों में सुधार नहीं किया जा सका
बावजूद जिले के 178 विद्यालय प्रधानों द्वारा उच्चाधिकारी के आदेश की अवहेलना कर अबतक अपने विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के निमित आंकड़ों में सुधार नहीं किया जा सका है।
यह उच्चाधिकारी के आदेश की अवहेलना, मनमानेपन एवं अनुशासनहीनता को दर्शाता है। इसके लिए विभाग द्वारा आहुत वीसी में पदाधिकारीगण को असहज होना पड़ रहा है।
ऐसे में संबंधित विद्यालय प्रधानों से इस मामले में स्पष्टीकरण की मांग की गई है। साथ ही स्पष्टीकरण प्राप्त होने के पश्चात समीक्षा होने तक सभी 178 विद्यालय प्रधानों का वेतन भी तत्काल स्थगित किया गया है।
विभागीय कार्रवाई करने की चेतावनी
डीईओ ने संबंधित विद्यालय प्रधानों को 24 घंटे के अंदर यह कार्य पूर्ण करने का आदेश भी दिया है। अन्यथा की स्थिति में संबंधित प्रधानाध्यापक के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू करने की भी चेतावनी दी है।
जिन 178 विद्यालय प्रधानों के वेतन पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण की मांग की गई है। जिनमें बेतिया, बैरिया, नौतन, मझौलिया, चनपटिया, मैनाटांड, लौरिया, रामनगर, सिकटा, योगापट्टी, गौनाहा, ठकरांहा, भितहां, नरकटियागंज, बगहा एक व दो प्रखंड के 10-10 तथा मधुबनी व पिपरासी प्रखंड के 9-9 विद्यालय प्रधान शामिल हैं।
निजी स्कूलों में नामांकन को 1030 चयनित सूची जारी
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत जिले के निजी स्कूलों में 1030 बच्चों का एडमिशन पहली कक्षा में होगा। चयन को लेकर बुधवार शिक्षा भवन में लाटरी निकाली गई।
सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय की ओर से बुधवार की शाम शिक्षा भवन के नोटिस बोर्ड पर चयनित बच्चों की सूची चस्पा दिया गया।
शिक्षा विभाग की ओर से 10 फरवरी तक आनलाइन रजिस्ट्रेशन का अवसर दिया गया था। इसके आधार पर जिले में 1060 बच्चों का रजिस्ट्रेशन हुआ था।
राज्य स्तर पर आवेदनों का सत्यापन करने के बाद स्कूल आवंटन किया गया है। इसमें 30 बच्चों का आवेदन विभिन्न कारणों से रिजेक्ट किया गया है।
विभाग की ओर से कहा गया है कि गुरुवार से चयनित बच्चे आवंटित स्कूल में जाकर सभी प्रमाण पत्र की जांच के बाद नामांकन कराएंगे। 28 फरवरी तक नामांकन की प्रक्रिया पूरी करनी है।
बता दें कि निजी स्कूलों की मनमानी के कारण सैकड़ों बच्चों को एडमिशन से वंचित होना पड़ा। शिक्षा विभाग से 664 स्कूलों का रजिस्ट्रेशन है।
इन स्कूलों को ज्ञानदीप पोर्टल पर इनटेक कैपेसिटी अपलोड करने को कहा गया था, लेकिन 285 स्कूलों ने ही अपलोड किया। इसके आधार पर आरटीई के तहत आवेदन करने वाले बच्चों को स्कूल आवंटित किया है।
जिले के नामी गिरामी स्कूल ज्ञानदीप पोर्टल पर इनटेक कैपेसिटी अपलोड नहीं करते है। ताकि, गरीब बच्चों का नामांकन ही नहीं करना पड़ा।
उधर, शिक्षा विभाग के अधिकारी भी उन स्कूलों के खिलाफ किसी तरह का कार्रवाई नहीं करते है। कमोबेश यही हालात पिछले वर्ष भी था।