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नियोजित शिक्षक को विशिष्ट शिक्षक बनना पड़ा महंगा, अब सिर पीट रहे गुरुजी

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नियोजित शिक्षक को विशिष्ट शिक्षक बनना पड़ा महंगा, अब सिर पीट रहे गुरुजी

नालंदा जिला में नियोजित शिक्षकों को विशिष्ठ शिक्षक बनना भारी पड़ रहा है। अब गुरुजी के पास पछताने के अलावा कोई चारा नहीं है। दरअसल, विशिष्ट शिक्षकों को अभी तक जनवरी माह का वेतन नहीं मिला है, इससे शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

टेट प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला महासचिव पंकज कुमार ने कहा कि पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से वेतन आच्छादित था तो वेतन पहले सप्ताह के आसपास मिल जाता था।

वहीं विशिष्ट शिक्षक बनने के बाद वेतन राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से आच्छादित होगा। अब विशेष शिक्षकों का पहला परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट जनरेट होगा।

उसके बाद ही राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से आच्छादित हो पाएगा। विभाग की सुस्ती व लापरवाही की वजह से अभी तक नालंदा जिला में अधिकांश शिक्षकों का परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट जनरेट नहीं हो पाया है।

वेतन में अभी और देरी होगी

समय से अकाउंट जनरेट नहीं होने से आने वाले दिनों में वेतन में और देर होगी। संघ के जिला मीडिया प्रभारी मुकेश कुमार ने कहा कि नालंदा जिला के शिक्षा विभाग में विशिष्ट शिक्षकों का वेतन भुगतान करने वाले भूपेंद्र कुमार जो लिपिक हैं वह स्थिर हैं।

इसीलिए मैं राज्य सरकार से मांग करता हूं कि अविलंब विशिष्ट शिक्षकों का वेतन भुगतान करने वाले लिपिक को स्थानांतरण करते हुए किसी तेज तर्रार लिपिक को नालंदा जिला में प्रतिनियुक्ति किया जाए जिससे हम विशिष्ट शिक्षकों का वेतन ससमय भुगतान हो सके, अगर ससमय भुगतान नहीं होती है तो आने वाले किसी भी समय विशिष्ट शिक्षक धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।

सिवान में अन्य शिक्षकों को भी तीन माह से वेतन नहीं मिला

राज्य के विश्वविद्यालय शिक्षकों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है। शिक्षकों को नियमित और ससमय वेतन दिलाने में राज्य सरकार पूरी तरह विफल रही है। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और कर्मियों का जहां अक्टूबर माह के बाद से वेतन नहीं मिला है, वहीं सेवानिवृत शिक्षकों और कर्मियों को तीन माह से पेंशन नहीं मिल पाया है।

इसको लेकर जयप्रकाश विश्वविद्यालय के शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मियों और पेंशनरों की खासी परेशानी बढ़ गई है। उक्त बातें डीएवी पीजी कालेज शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. धनंजय यादव ने कही। उन्होंने कहा कि यहां नियमित वेतन और पेंशन भुगतान शुरू से हीं एक मुश्किल कार्य रहा है।

सरकार द्वारा राशि विमुक्ति के बाद भी यहां वेतन भुगतान में काफी विलंब होता है। शिक्षक संघ और कर्मचारी संघ नियमित वेतन की मांग को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। बताया कि राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की घोर उपेक्षा के कारण हीं आज विश्वविद्यालय शिक्षक और कर्मी मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हैं। राज्य सरकार शिक्षक हितों की लगातार अवहेलना कर रही है।

नियमित और ससमय वेतन को मुद्दे को लेकर शिक्षक संघ लोकतांत्रिक आंदोलन के साथ हीं पटना उच्च न्यायालय में पीआईएल और रिट याचिका दायर करने पर विचार कर रहा है।

नियमित वेतन की मांग करने वालों में उपाध्यक्ष डा. सत्येंद्र कुमार सिंह, सचिव पवन कुमार यादव, राजा सिंह कालेज के डा. शैलेश कुमार राम, बोलेंद्र कुमार अगम, विद्या भवन महिला कालेज के प्रो. जितेंद्र प्रसाद, हरिराम कालेज मैरवा के प्रो. अयाज आलम, प्रो. आलोक रंजन शामिल थे।

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