खाना क्या बना है? अंडा किधर है? जब नालंदा पहुंचे ACS एस सिद्धार्थ, छूटे सबके पसीने
खाना क्या बना है? अंडा किधर है? जब नालंदा पहुंचे ACS एस सिद्धार्थ, छूटे सबके पसीने
ACS S Siddharth School Inspection: बिहार की शिक्षा-व्यवस्था में पहले से काफी ज्यादा सुधार हुआ है. शिक्षा विभाग के अधिकारी इस ओर लगातार पहल भी कर रहे हैं कि जो भी व्यवस्था है कैसे उसे और बेहतर किया जाए ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले.
शिक्षा विभाग के जब अपर मुख्य सचिव केके पाठक थे तो उस वक्त उनके एक्शन से खलबली मची रहती थी. उनके ही अंदाज में एसीएस एस सिद्धार्थ भी दिख रहे हैं. शुक्रवार (31 जनवरी) को उन्होंने नालंदा के सरकारी विद्यालयों में जाकर औचक निरीक्षण किया. अचानक अधिकारी को देखकर शिक्षकों के पसीने छूट गए.
निरीक्षण के क्रम में एस सिद्धार्थ नूरसराय प्रखंड के गोविंदपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय पहुंचे. कई कक्षाओं में जाकर शिक्षकों से और बच्चों से बातचीत की. जो बच्चे वर्दी (स्कूल ड्रेस) में नहीं थे इसको लेकर भी शिक्षकों और बच्चों से एस सिद्धार्थ ने सवाल किया. पूछा कि क्या पढ़ाई हो रही है? इसके साथ ही अन्य व्यवस्था को भी देखा.
खुद कलछी लेकर चेक करने लगा खाना
इस दौरान स्कूल में शिक्षकों और रसोइया से पूछा कि आज क्या खाना बन रहा है? इस पर बताया गया कि छोला-चावल और अंडा. एस सिद्धार्थ ने पूछा कि अंडा किधर है? अंडा मिलता है या फर्जी है? सप्ताह में हर बार अंडा मिलता है या नहीं? इस पर खाना बनाने वाली रसोइया और शिक्षकों ने कहा कि मिलता है.
एस सिद्धार्थ ने पूछा कि पिछली बार मिला था? तो बताया गया कि मिला था. इसके बाद छोला को खुद ही कलछी लेकर एस सिद्धार्थ चेक करने लगे. पूछने लगे कि इसमें क्या-क्या डालते हैं? कैसे बनाते हैं? कितने बजे तक खाना बन जाता है? उन्हें बताया गया कि 11.30 बजे तक या 12 बजे तक खाना बन जाता है.
स्कूल के एक कमरे में कई कक्षाओं के बच्चे बैठे थे. एस सिद्धार्थ को बताया गया कि तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के ये सभी बच्चे हैं. एक ही क्लास के बच्चे कमरे में इधर-उधर बैठे थे. इस पर एस सिद्धार्थ ने शिक्षक से पूछा कि एक क्लास के बच्चे एक ही कमरे में अलग-अलग क्यों बैठे हैं? एक इधर बैठा है तो एक उधर बैठा है. उन्होंने एक कक्षा के बच्चों को एक ही ग्रुप में बैठने के लिए निर्देश दिया.
एस सिद्धार्थ निरीक्षण के क्रम में लालबाग स्थित उत्क्रमित विद्यालय पहुंचे. यहां के कई क्लास रूप में वे गए. पूछा कि कितने बच्चे पढ़ते हैं. एक क्लास में शिक्षिका ने बच्चों की कम उपस्थिति पर कहा कि बच्चे चिमनी पर रहते हैं. भट्ठा पर रहते हैं. इस पर एस सिद्धार्थ ने पूछा कि आप लोग नहीं समझाते हैं? शिक्षिका ने कहा कि हम लोग समझाते हैं फिर भी गार्जियन लेकर चले जाते हैं.
इस विद्यालय में भी एमडीएम को खुद उन्होंने देखा. कुछ बच्चों से भी बात की. उनसे पूछा कि खाना कितने बजे तक बन जाता है? निरीक्षण के क्रम में एक-दो लड़कियां सड़क पर घूमती दिखीं. दोनों को रोककर एस सिद्धार्थ ने पूछा कि वे लोग बाहर क्यों घूम रही हैं? स्कूल क्यों नहीं गईं?