बांका में शिक्षक निलंबित, ‘भारत माता की जय’ बोलने का विरोध करने पर हुआ एक्शन

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बांका में शिक्षक निलंबित, ‘भारत माता की जय’ बोलने का विरोध करने पर हुआ एक्शन

 

 

हमेशा विवादों में घिरे रहने वाले अमरपुर के संजय गांधी उच्च विद्यालय, विश्वासपुर के विशिष्ट शिक्षक हसन रजा को शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय चांदन बीआरसी निर्धारित किया गया है। उनके विरुद्ध विशिष्ट शिक्षक नियमावली के तहत विभागीय कार्रवाई भी शुरू करने का आदेश जारी कर दिया गया है।

डीपीओ स्थापना संजय कुमार यादव ने उनके विरुद्ध कार्रवाई का पत्र जारी किया है। हसन रजा पर लगातार विद्यालय की गतिविधियों में रुचि नहीं लेने का आरोप था। वह भारत माता की जय बोलने का भी विरोध करते थे।

तरह-तरह की टीका-टिप्पणी करने का भी आरोप

कार्यालय आदेश के अनुसार, हसन रजा पर विद्यालय में कुर्सी पर नींद मारने, विद्यालय प्रार्थना के दौरान बिहार गीत गाने में बाधा डालने, राष्ट्रगान के बाद भारत माता की जय बोलने पर तरह-तरह की टीका-टिप्पणी करने का आरोप है।
इसकी जांच करने के लिए कई बार डीईओ और डीपीओ भी विश्वासपुर पहुंच चुके हैं। उनपर शैक्षणिक कार्य में भी असहयोगात्मक रवैया रखने का आरोप है।
शिक्षक के इन कृत्यों को स्वेच्छाचारिता, कर्तव्यहीनता और अनुशासनहीनता मानते हुए डीपीओ ने निलंबन की कार्रवाई की है।

इन शिक्षकों पर भी गिरी गाज

इधर, विद्यालय की विभिन्न गड़बड़ियों पर प्रभारी प्रधानाध्यापक सह विशिष्ट शिक्षक राजीव कुमार से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।

विद्यालय की कक्षा समय से संचालित नहीं होने, अपार कार्ड बनाने में कैफे द्वारा राशि वसूली आदि मामले में स्पष्टीकरण की मांग की गई है। डीपीओ स्थापना ने उनसे 24 घंटे में इसका जवाब मांगा है।

मालूम हो कि विद्यालय के पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक विनय राय को भी विभिन्न आरोपों पर कुछ दिन पहले हटा दिया गया है। इसके बाद वे चिकित्सा अवकाश में चल गए हैं।

डीपीओ संजय कुमार यादव ने बताया कि हसन रजा के विरुद्ध लगातार शिकायतें मिल रही थीं। कई साक्ष्य भी विभाग के पास हैं। उन्हें निलंबित कर विभागीय कार्रवाई के अधीन कर दिया गया है।

शिक्षकों का हाफ सीएल साफ, पहले स्कूल छोड़ने पर आना होगा बांका

स्थानांतरण का बेसब्री से इंतजार कर रहे शिक्षकों का अब सीएल भी साफ कर दिया गया है। यानी किसी शिक्षक को आधा दिन का आकस्मिक अवकाश अभी मान्य नहीं होगा।

ई-शिक्ष कोष में इसका विकल्प मिलने के बाद शिक्षक बड़ी संख्या में इसका उपभाेग कर रहे थे। शनिवार को डीएम अंशुल कुमार ने शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक के दौरान इस पर कड़ी आपत्ति जताई।

शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी की समीक्षा करते हुए डीएम ने साफ निर्देश दिया कि अगर कोई शिक्षक समय से पूर्व विद्यालय छोड़ते हैं या देरी से विद्यालय आते हैं तो उनसे अगले दिन शाम पांच बजे जिला मुख्यालय डीपीओ कार्यालय सदेह उपस्थित होकर जवाब लें।

संतोषजनक उत्तर नहीं देने पर उनसे स्पष्टीकरण पूछते हुए कार्रवाई की जाय तथा इसकी सूचना प्रेस में नाम सहित दी जाय। डीपीओ ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में 80 शिक्षकों को समय से पूर्व विद्यालय छोड़ने पर नोटिस जारी किया गया है। इसमें अधिकांश हाफ सीएल लेकर गए थे।

कुछ शिक्षक के ई शिक्षा कोष पर उपस्थिति नहीं बनाने तथा मार्क आन ड्यूटी की भी जांच कराने को कहा। उन्होंने किा विद्यालय निरीक्षणकर्ता से निरीक्षण में पढ़ाई की गुणवता एवं बच्चों को होमवर्क की जांच करने को कहा। अपार एवं अधार कार्ड की इंट्री संतोषजनक नहीं रहने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की।

इसमें बीपीएम, धोरैया, बौंसी एवं

इसमें बीपीएम, धोरैया, बौंसी एवं फुल्लीडुमर को स्पष्टीकरण किया गया। बीडीओ को अविलंब लंबित जन्म प्रमाण-पत्र के आवेदन का निष्पादन करने को कहा। ताकि संबंधित बच्चों का आधार कार्ड बनवाया जा सके। नेताजी आवासीय हास्टल निर्माण के लिए सीओ को भूमि चिह्नित कर मंगलवार तक रिपोर्ट करने को कहा।

भवन निर्माण की समीक्षा में स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन और एसएसए के अभियंता को संवेदकों को कार्यादेश निर्गत करने को कहा। सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की जांच जिला स्तरीय टीम से कराने का निदेश दिया गया।

26 जनवरी को कस्तूरबा एवं नेताजी आवासीय विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम कराने को कहा। पिरामल फाउंडेशन के प्रतिनिध के बैठक में उपस्थित नहीं रहने एवं कार्य में सहयोग नहीं करने पर नाराजगी व्यक्त की गई।

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