10 जिलों में मिड डे मिल से मुक्त हुए हेडमास्टर, जानिए किसे मिली जिम्मेदारी

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10 जिलों में मिड डे मिल से मुक्त हुए हेडमास्टर, जानिए किसे मिली जिम्मेदारी

 

बिहार के सरकारी स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत मध्याह्न भोजन का संचालन किया जाएगा. इन स्कूलों में तमिलनाडू मॉडल के तर्ज पर मध्याह्न भोजन पड़ोसा जाएगा. यहां प्रधानाध्यापक समेत सभी शिक्षक मध्याह्न भोजन बनाने से लेकर पड़ोसने तक में शामिल नहीं होंगे.

प्रदेश भर के 10 जिलों में कुल 20 पंचायतों को इस प्रोजेक्ट के तहत चयनित किया गया है.

मुजफ्फरपुर में कुढ़नी प्रखंड के जम्हरुआ और सकरा प्रखंड के पैगंबरपुर गांव को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है. जम्हरुआ में कुल चार और पैगंबरपुर में कुल छह स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट को प्रयोग के तौर पर शुरू किया जा रहा है. यहां ट्रायल सफल हुआ तो जिले के सभी स्कूलों में इसे प्रभावी बनाया जा सकता है. बता दें कि दो दिसंबर से नयी व्यवस्था प्रभावी हो जाएगी. नई व्यवस्था के तहत स्कूलों में मध्याह्न भोजन का संचालन व्यवस्थापक और सहायक व्यवस्थापक कराएंगे.

इन जिलों में नयी व्यवस्था को लागू करने की तैयारी

इसको लेकर इन स्कूलों में बीआरपी और शिक्षा सेवकों को व्यवस्थापक और सहायक व्यवस्थापक के रूप में कार्य का प्रभार सौंपा गया है. बता दें कि इस योजना के तहत प्रदेश भर में मुजफ्फरपुर के अतिरिक्त मधुबनी, दरभंगा, वैशाली, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, भागलपुर, लखीसराय और औरंगाबाद को शामिल किया गया है. जिला पीएम पोषण योजना कार्यालय की ओर से बताया गया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित पंचायतों में नयी व्यवस्था को लागू करने की तैयारी पूरी हो चुकी है.

अन्न समेत सभी वस्तुओं के क्रय का जिम्मा भी इन्हीं पर

10 स्कूलों में अन्न समेत मध्याह्न भोजन के संचालन के लिए खरीदी जाने वाली सभी सामग्री की व्यवस्था व्यवस्थापक की ही होगी. ये संबंधित स्कूलों में योजना के तहत लाभान्वित होने वाले बच्चों का आंकड़ा भी संग्रहित करेंगे. दो दिसंबर से इस योजना की शुरुआत की जाएगी. मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक ने कहा है कि डीएम या डीइओ इस योजना का उद्घाटन करेंगे.

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