हेडमास्टर साहेब की गलती का खामियाजा भुगतेंगे 6 लाख छात्र, इन छात्रों को नहीं मिलेगा कोई भी सरकारी योजनाओं का लाभ
हेडमास्टर साहेब की गलती का खामियाजा भुगतेंगे 6 लाख छात्र, इन छात्रों को नहीं मिलेगा कोई भी सरकारी योजनाओं का लाभ
आधार कार्ड पंजीकरण में देरी के कारण बिहार के सरकारी स्कूलों के 5.75 लाख से अधिक छात्रों को आवश्यक सरकारी लाभों से वंचित होने का खतरा है। शिक्षा विभाग के बार-बार याद दिलाने के बावजूद, कई स्कूल प्रिंसिपल पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करने में विफल रहे हैं, जिससे छात्र छात्रवृत्ति, पाठ्यपुस्तकों, वर्दी और डिजिटल उपकरणों जैसे कार्यक्रमों के लिए अयोग्य हो गए हैं।
शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को छात्रों के आधार कार्ड रजिस्टर करने का निर्देश दिया था, लेकिन कई स्कूलों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसके कारण छात्रों को छात्रवृत्ति, किताबें, ड्रेस, और अन्य लाभ नहीं मिल पाएंगे।सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। रजिस्ट्रेशन न होने पर छात्रों का नाम सरकारी योजनाओं की सूची से हटा दिया जाएगा। सरकार ने सभी जिलों को बिना रजिस्ट्रेशन वाले छात्रों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है।
बिहार के 75 हजार स्कूलों में पढ़ने वाले 1.65 करोड़ छात्रों के लिए 1068 रजिस्ट्रेशन केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर छात्रों का मुफ्त में रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है, लेकिन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया धीमी है।शिक्षा विभाग ने 25 नवंबर तक रजिस्ट्रेशन पूरा करने का लक्ष्य रखा है। शिक्षक संघों का कहना है कि रजिस्ट्रेशन न होने से गरीब छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी।छात्रों को मिलने वाली राशि सीधे उनके बैंक खाते में जमा होगी।शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में एडमिशन की संख्या का पता लगाना आसान होगा।
सभी छात्रों को ई-शिक्षा कोर्स से जोड़ा जाएगा।छात्रों की शैक्षिक जानकारी एकत्रित करके भविष्य में रोजगार के अवसर प्रदान करने में मदद मिलेगी।आधार कार्ड रजिस्ट्रेशन में देरी के कारण छात्रों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।स्कूलों द्वारा निर्देशों का पालन न करना। छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है।सरकार ने रजिस्ट्रेशन के लिए समय सीमा निर्धारित की है और रजिस्ट्रेशन केंद्रों की संख्या बढ़ाई है।