एक जनवरी से सरकारी स्कूलों में शुरू होगी डिजिटल अटेंडेंस, ऑटोमेटिक फेस रीडिंग से बनेगी हाजिरी
एक जनवरी से सरकारी स्कूलों में शुरू होगी डिजिटल अटेंडेंस, ऑटोमेटिक फेस रीडिंग से बनेगी हाजिरी
बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने कहा है कि एक जनवरी से राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में ई-शिक्षाकोश पोर्टल के जरिए डिजिटल मोड में हाजिरी ली जाएगी.
इस अटेंडेंस सिस्टम में स्कूल आने वाले बच्चे के चेहरे की ऑटोमेटिक रीडिंग होगी. अपर मुख्य सचिव सिद्धार्थ ने ये बातें शिक्षा की बात: हर शनिवार के पहले एपिसोड के दौरान शिक्षकों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कही.
टैब से फोटो खींची जाएगी
एस सिद्धार्थ ने बताया कि इसका ट्रायल हो चुका है. ट्रायल पूरी तरह सफल रहा. इसके लिए स्कूलों के लिए टैब खरीदे जा रहे हैं. इसके लिए संबंधित लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. हाजिरी लगाने की तकनीक सटीक है. उन्होंने बताया कि टैब से फोटो भी खींची जाएगी. इससे बच्चों की फर्जी हाजिरी भी नहीं बन पाएगी.
अंग्रेजी मीडियम को दिया जाएगा बढ़ावा
इस एपिसोड दौरान अपर मुख्य सचिव ने बताया कि शुरुआती चरण में खासकर कक्षा एक में बिहार की स्थानीय भाषाओं जैसे मगही, भोजपुरी, अंगिका और मैथिली में शिक्षा दी जाएगी, ताकि बच्चा अपनी बोली में सीख सके. आगे कक्षा 9, 10, 11 और 12 में हिंदी के साथ अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा. दोनों माध्यमों में किताबें छपेंगी. स्कूल की लाइब्रेरी में अंग्रेजी माध्यम की किताबें रखी जाएंगी. बच्चा वहीं पढ़ाई कर सकेगा. शिक्षक को कक्षा में हिंदी के बाद अंग्रेजी में भी समझाने के लिए कहा जाएगा.
मार्च तक अतिरिक्त कक्षाओं का हो जाएगा निर्माण
सिद्धार्थ ने कहा कि शिक्षा विभाग जल्द ही कक्षा आठ से गणित और विज्ञान में ओलंपियाड का आयोजन करेगा. इसका उद्देश्य प्रतिभा की खोज करना होगा. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग जिलों में ही शिक्षक प्रशिक्षण आयोजित करेगा. स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा कक्षों का निर्माण कार्य हर हाल में मार्च 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा. तब तक समय प्रबंधन के जरिए पढ़ाई सुनिश्चित की जाएगी.
गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करेंगे शिक्षक
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मिडिल और प्लस टू स्कूलों में शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करेंगे. वे सिर्फ पढ़ाने पर ध्यान देंगे. इन कार्यों के लिए क्लर्क या समकक्ष विद्यालय सहायकों की नियुक्ति की जा रही है. अपर मुख्य सचिव सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया है कि 10 दिनों के अंदर विभाग द्वारा जारी हर आदेश/निर्देश/दिशानिर्देश की सॉफ्ट कॉपी का पीडीएफ हर शिक्षक को जारी कर दिया जाएगा ताकि किसी तरह की भ्रम की स्थिति न रहे.