23801 नियोजित शिक्षकों की नौकरी पर खतरा, सही प्रमाणपत्र अपलोड करने का आखिरी मौका
23801 नियोजित शिक्षकों की नौकरी पर खतरा, सही प्रमाणपत्र अपलोड करने का आखिरी मौका
सक्षमता पास शिक्षकों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। राज्य में पहली सक्षमता परीक्षा (Sakshamta Pariksha) पास जिन नियोजित शिक्षकों (Bihar Niyojit Shikshak) की काउंसलिंग के दौरान बायोमेट्रिक तो सत्यापित हुआ, लेकिन कतिपय कारणों से आधार का सत्यापन नहीं हुआ, उनका फिर से बायोमेट्रिक सत्यापन होगा।
हालांकि, उसके पहले गलती में संशोधन के लिए उन्हें अपने पदस्थापन वाले जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी के यहां चार नवंबर तक आवेदन देना होगा।
इसके साथ ही जिन नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट संदिग्ध पाए गए हैं, उन्हें सही सर्टिफिकेट अपलोड करने का मौका दिया गया है। ऐसे नियोजित शिक्षकों की संख्या 23 हजार 801 है। इससे संबंधित निर्देश शिक्षा विभाग की ओर से मंगलवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिया गया।
शिक्षा विभाग के निर्देश के अनुसार, काउंसलिंग के दौरान जिन शिक्षकों का एक या एक से अधिक प्रमाणपत्र संदिग्ध पाया गया है, उन्हें सही प्रमाणपत्र अपलोड करने हेतु बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा सॉफ्टवेयर में विकल्प प्रदान किया गया है। इसके लिए नौ नवंबर तक का समय दिया गया है।
13 सितंबर तक हुई थी काउंसलिंग
सक्षमता परीक्षा पास नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग जिलों में 13 सितंबर तक हुई थी। उसमें ऐसे शिक्षक, जिनका बायोमेट्रिक तो सत्यापित हुआ, लेकिन कतिपय कारणों यथा नाम में अंतर, जन्मतिथि में अंतर, आधार संख्या की गलत प्रविष्टि इत्यादि कारणों से आधार सत्यापन नहीं हो पाया है, वे चार नवंबर तक नाम, जन्मतिथि, लिंग, आधार संख्या एवं मोबाइल नंबर में परिवर्तन हेतु अपने पदस्थापन जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन दे सकते हैं।
नहीं की जाएगी ओवरराइटिंग
आवेदन के आधार पर संबंधित जिले के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) द्वारा संशोधित नाम, जन्मतिथि, लिंग, आधार संख्या एवं मोबाइल नंबर की प्रविष्टि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की वेबसाइट पर किया जाएगा और शिक्षक द्वारा दिए गए आवेदन को अपलोड करना अनिवार्य होगा। शिक्षक द्वारा पूर्व में आवेदन भरते समय अंकित किए गए नाम, जन्म तिथि, लिंग, आधार संख्या एवं मोबाइल नंबर सॉफ्टवेयर में यथावत रहेगा और इस पर किसी प्रकार की ओवरराइटिंग नहीं की जाएगी।
इस प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद संबंधित शिक्षक का बायोमेट्रिक सत्यापन भी कराया जाएगा। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) द्वारा की गयी कार्रवाई का सत्यापन साफ्टवेयर के माध्यम से संबंधित जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा किया जाएगा।
