ज्ञानदीप पोर्टल से होगी शिक्षा के अधिकार अधिनियम की निगरानी
आरटीई के तहत 25 फ़ीसदी सीट पर गरीब बच्चों के नामांकन से लेकर दी जाने वाली राशि दी जाएगी पोर्टल के माध्यम
25 फ़ीसदी सीट पर नामांकन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए बदलाव किया गया है
638 स्कूल ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर्ड हुए हैं अब तक
अब ज्ञानदीप ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम की निगरानी होगी विभाग ने इसे लेकर ज्ञानपीठ पोर्टल को विकसित किया है बताया जा रहा है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत 25 फ़ीसदी सीट पर गरीब बच्चों के नामांकन से लेकर उन्हें दी जाने वाली राशि अभिज्ञान दीप पोर्टल के माध्यम से ही मिलेगी
शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत 25% पर नामांकन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए व्यवस्था में यह बदलाव किया गया है नई योजना के तहत अब स्कूलों में नामांकन स्कूल के स्तर पर नहीं होकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के स्तर से होगी
इसमें केंद्रीय कृत व्यवस्था कर दी गई है पोर्टल के माध्यम से ही इनका नामांकन भी होगा और इसकी निगरानी भी की जाएगी स्कूलों को अपनी सीट ऑनलाइन करनी होगी सभी स्कूल सीट का बुरा इस पर डालेंगे जिला शिक्षा पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान ने इस संबंध में बताया कि अब शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत छात्र जिस स्कूल में नामांकित होंगे
उनके खाता में राज स्तर से सीधे राशि भेजी जाएगी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने और भी जानकारी देते हुए कहा कि ज्ञानदीप पोर्टल के सफल संचालन के लिए निजी स्कूल संचालकों को ट्रेनिंग दी जाएगी
स्कूल जितने बच्चे का पोर्टल पर नामांकन अपलोड करेंगे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उसकी वेरीफाई करेंगे आगे की प्रक्रिया जिला शिक्षा पदाधिकारी पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान के स्तर से पूरा करने के बाद पैसा आप सीधे बच्चों के अकाउंट में जाएगा 100 से अधिक स्कूल ऐसे हैं जिनके पास यू डाइस नहीं है बताया कि संघ की इकाई विभाग से इस कार्य को जल्दी पूरा करने की मांग करती है ताकि गरीब बच्चों को पढ़ने के लिए शीघ्र ही कोड निर्गत कराया जा सके
ज्ञानदीप पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा या हो रहा रिजेक्ट
ज्ञानदीप पोर्टल पर निजी स्कूलों को अपने यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर शिक्षकों का डिटेल्स राइट टू एजुकेशन के लिए उनके यहां कितने बच्चे पढ़ते हैं आदि जानकारी देनी है मगर बताया जा रहा है कि ज्ञानदीप ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से निधि स्कूल ने आरटीई के निगरानी में निजी स्कूल संचालक व प्रबंधकों के समक्ष परेशानी खड़ी हो रही है
बताया जा रहा है कि जिले के कई निजी स्कूल जी ने पहले से ही पर स्वीकृति मिली है लेकिन कर कोड नहीं मिला है उन स्कूलों का ज्ञान दीप पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा या फिर रिजेक्ट हो जा रहा है निजी स्कूल संचालकों के अनुसार बिहार सरकार ने अभी बहुत सारे स्कूलों को दो-तीन साल पहले से ही हुंडई प्रपत्र नहीं भरवारा है इससे नए विद्यालयों को ज्ञानदीप पोर्टल पर मान्यता मिलने के बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है
300 निजी स्कूलों को अब क्यूआर कोड प्राप्त हो चुका है
जिले के करीब 300 निजी स्कूलों को अब तक कर कोड मिला है प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेयर पर संगठन के अनुसार जिले में 1200 स्कूल में ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन किया था इसमें 698 निधि स्कूलों का आवेदन स्वीकृत कर जांच के लिए आया है लेकिन 300 विद्यालयों को ही अब तक कर कोड मिला है शेष का वीडियो से जांच प्रतिवेदन नहीं मिलने से अब तक नहीं मिला है जिनको कर मिल गया है
उनको गांधी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना है जिन स्कूलों को आप तक कर कोड नहीं मिला है वह ज्ञान दीप पोर्टल पर आवेदन नहीं कर सकेंगे इससे यह शिक्षा के अधिकार अधिनियम से वंचित रह जाएंगे प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव शिवजी प्रसाद ने बताया कि जिन जिले में 638 स्कूल ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं इनमें अभी तक 300 स्कूलों को ही मान्यता दी गई है