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इन शिक्षकों ने सालों तक सरकार को लगाया चूना, अब SVU ने कसा शिकंजा

बिहार में 2006 से 2015 तक विभिन्न नियोजन इकाइयों में फर्जी डिग्री के आधार पर नियुक्त हुए नियोजित शिक्षकों के खिलाफ निगरानी ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (SVU) ने मुजफ्फरपुर जिले के सरैया थाने में छह नियोजित शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.

सभी आरोपी पिछले 10-12 सालों से फर्जी अभिलेखों पर नौकरी कर रहे हैं और सरकार से वेतन के रूप में लाखों रुपये ले चुके हैं.

असम एससीईआरटी का बनवाया था फर्जी सर्टिफिकेट

एफआईआर में साफ तौर पर लिखा गया है कि गुवाहाटी, असम के इन शिक्षकों ने भर्ती के समय एससीईआरटी असम के नाम पर शिक्षक प्रशिक्षण के फर्जी प्रमाण पत्र और मार्कशीट पेश किए थे. जबकि ये मार्कशीट और प्रमाण पत्र गुवाहाटी, असम स्थित एससीईआरटी द्वारा जारी नहीं किए गए थे. निगरानी विभाग की जांच में एससीईआरटी असम ने जब इसकी पुष्टि की तो शिक्षकों पर कार्रवाई शुरू हो गई है.

इन शिक्षकों पर कार्रवाई

निगरानी की ओर से जिन शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है उनमें सरैया के उच्च माध्यमिक विद्यालय वीरपुर की वंदना कुमारी, उच्च माध्यमिक विद्यालय तुरकौलिया उर्दू के अनवारूल हक, उच्च माध्यमिक विद्यालय रघवा छपरा के अरविंद कुमार, उच्च माध्यमिक विद्यालय बघनगरी बालक की कुमारी प्रीति, उच्च माध्यमिक विद्यालय बघनगरी बालक की रिंकी कुमारी और उच्च माध्यमिक विद्यालय बघनगरी के मनोरंजन कुमार का नाम शामिल हैं.

पुलिस ने दर्ज किया मामला

विजिलेंस विभाग ने बताया है कि इन शिक्षकों ने नियुक्ति के समय अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र के तहत अवैध लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से फर्जी अंक पत्र प्रस्तुत किए थे. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. जल्द ही इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस तरह का फर्जीवाड़ा अन्य ब्लॉकों में भी पकड़ा गया था. विजिलेंस ने पहले भी इनके खिलाफ कार्रवाई की थी.

फर्जी प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने वाले गिरोह पर नजर

जांच के दौरान विजिलेंस ने पाया है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने इन्हें ये प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए थे. इनके द्वारा सभी अभ्यर्थियों को एक ही जगह के फर्जी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए गए थे. अब इन शिक्षकों से पूछताछ के दौरान उन अज्ञात लोगों के बारे में जानकारी ली जाएगी. साथ ही विजिलेंस की टीम इस गिरोह की तलाश में जुट गई है. इसके लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा.

हाईकोर्ट ने दिया था सरेंडर का मौका

एफआईआर में कहा गया है कि इन शिक्षकों के संबंध में हाईकोर्ट ने क्षमादान का आदेश पारित किया था. इसके कारण अब तक ये शिक्षक बिना त्यागपत्र दिए जिस स्कूल में पदस्थापित थे, वहीं काम कर रहे थे. अब इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

कार्रवाई : शिक्षा मंत्री

इधर, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने भी सोमवार को कहा है कि राज्य में गलत तरीके से और फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई होगी. दशहरा के बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित शिक्षकों पर कार्रवाई होगी. इस मामले में निगरानी विभाग के स्तर पर जांच चल रही है और कार्रवाई भी हुई है. फिलहाल उन्हें नैसर्गिक न्याय के तहत छूट दी गई है, लेकिन फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति पाने वालों पर कार्रवाई तय है.

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