कोसी का रौद्र रूप ! बिहार में जलप्रलय मचना तय, खोले गए बराज के सभी 56 फाटक , अलर्ट पर 13 जिले, 56 साल का टूटेगा रिकॉर्ड,
कोसी का रौद्र रूप ! बिहार में जलप्रलय मचना तय, खोले गए बराज के सभी 56 फाटक , अलर्ट पर 13 जिले, 56 साल का टूटेगा रिकॉर्ड,
सी का रौद्र रूप बिहार में जल प्रलय मचाने को तैयार है. नेपाल में हुई भारी बारिश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं जिसका परिणाम है कि बिहार में कोसी नदी उफना गई है. कोसी में पानी आने के 56 साल पुराना रिकॉर्ड टूटने के करीब है और शनिवार सुबह कोसी बराज के सभी फाटक खोल दिए गए.
कोसी बराज से शनिवार सुबह 9:00 बजे तक 4 लाख 49 हजार क्यूसेक पानी बढ़ते क्रम में छोड़ा गया.
दरअसल, गंडक नदी में भी 21 साल बाद रिकॉर्ड छह लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होने की आशंका है. ऐसे में कोसी और गंडक दोनों नदियों से एक समय में करीब 12 लाख क्यूसेक पानी बिहार में आ रहा है. यह हालिया वर्षों में एक दिन में सर्वाधिक पानी का रिकॉर्ड रहेगा. बाढ़ प्रबंधन विभाग ने कोशी नदी के दायरे में आनेवाले आठ जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है. वहीं उत्तर बिहार के 13 जिलों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. लें। विभाग के अनुसार नेपाल से कोसी नदी में एक साथ 6.81 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इसका डिस्चार्ज बिहार में बड़े पैमाने पर जल प्रलय मचा सकता है. ऐसे में बाढ़ से प्रभावित होने के खतरे वाले जिलों में प्रशासन और पुलिस को निर्देश दिया गया है बाढ़ से बचाव के लिए अपनी पूरी तैयारी कर लें.
जल संसाधन विभाग के बाढ़
जल संसाधन विभाग के बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक केन्द्र, पटना द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, 28 सितंबर 2024 की रात 12 बजे वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज से 6.00 लाख क्यूसेक और 28 सितंबर 2024 की दोपहर 12 बजे वीरपुर स्थित कोशी बराज से 6.81 लाख क्यूसेक पानी प्रवाहित होने की संभावना है, जो अब तक के अधिकतम जलश्राव के सन्निकट होगा। विभाग ने सभी क्षेत्रीय अभियंताओं को तटबंधों और संरचनाओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से आगामी 48 घंटों तक संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थलों पर कैम्प करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में, सुपौल सहित सहरसा, मधेपुरा, दरभंगा, मधुबनी खगड़िया, भागलपुर और कटिहार जिले के कोसी दियारा में बसे लोगों के लिए शनिवार का दिन आफत भरा हो सकता है। इसको लेकर राज्य सरकार ने संबंधित जिलाधिकारियों के लिए हाई अलर्ट जारी किया है
बिहार में सुपौल समेत कई जिलों को अलर्ट किया गया है. अधिकारियों की छुट्टी रद्द कर दी गयी है। कोसी नदी के पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के बीच बसे लोगों को बाढ़ और कटाव का सामना करना पड़ सकता है। यही कारण है कि तटबंध के अंदर के इलाकों में माइकिंग कराई जा रही है। साथ ही, अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों की टीम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
कोसी के कहर के कारण करीब 25 लाख लोगों की आबादी प्रभावित होने वाली है। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने आठ जिलों के डीएम और एसपी को पत्र लिखकर अलर्ट किया है। सुपौल, सहरसा,मधेपुरा, मधुबनी,दरभंगा, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार के डीएम व एसपी समेत नवगछिया एसपी को भी पत्र लिखकर आगाह किया है कि नेपाल में हुई जोरदार बारिश से कोसी नदी उफनाई हुई है। कोसी के जलस्तर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी की संभावना है।