CM नीतीश के जिले मे शिक्षा का है बुरा हाल, छात्राए छत व शौचालय मे परीक्षा देने को है मजबूर, कहा गए शिक्षा विभाग के ACS
CM नीतीश के जिले मे शिक्षा का है बुरा हाल, छात्राए छत व शौचालय मे परीक्षा देने को है मजबूर, कहा गए शिक्षा विभाग के ACS
बिहार में 10+2 स्कूलों की मासिक परीक्षाएं चल रही हैं, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के परवलपुर प्रखंड में शिक्षा व्यवस्था की बदतर स्थिति ने सरकारी योजनाओं की पोल खोल दी है।
बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय में छात्राओं को परीक्षा देने के लिए छत, शौचालय के पास और भीड़भाड़ भरे कमरों में बैठना पड़ रहा है। यह न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है, बल्कि छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल रहा है।
एक छात्रा ने बताया कि स्कूल में पर्याप्त कक्षाएं नहीं हैं, जिससे वे जहां जगह मिलती है, वहां बैठने को मजबूर हैं। यह स्थिति न केवल उनकी पढ़ाई पर, बल्कि परीक्षा में प्रदर्शन पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। चिंता की बात यह है कि स्कूल में विज्ञान, अंग्रेजी और संस्कृत के शिक्षक नहीं हैं। छात्राएं बिना किसी शिक्षा के इन विषयों की परीक्षा दे रही हैं, जो उनके लिए बेहद कठिन साबित हो रहा है।
स्कूल के प्रिंसिपल जितेंद्र कुमार भास्कर ने इस गंभीर स्थिति पर कहा कि भवन निर्माण के लिए नालंदा के सांसद, मंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई बार पत्र लिखा जा चुका है। लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। 982 छात्राओं के लिए केवल तीन कक्षाओं का होना, शिक्षा और परीक्षा दोनों में बड़ी बाधा उत्पन्न कर रहा है।
इस स्थिति ने बिहार सरकार की ‘सर्व शिक्षा अभियान’ और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी योजनाओं की जमीनी हकीकत को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है।
वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी और जल्द ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर कर दिया है और तत्काल सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
